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आदित्य सचदेवा को आखिर किसने मारा? बिहार के बहुचर्चित रोडरेज कांड में रॉकी यादव बरी

7 मई 2016 को बोधगया से गया की तरफ वापस आ रहे आदित्य सचदेवा की हत्या कर दी गई थी. आदित्य ने रॉकी यादव की गाड़ी को साइड नहीं दिया तो आगे चलकर उसे गोली मार दी. गोली लगने के बाद आदित्य को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई थी.

बिहार के बहुचर्चित रोड रेज कांड में रॉकी यादव बरी. बिहार के बहुचर्चित रोड रेज कांड में रॉकी यादव बरी.
शशि भूषण कुमार
  • गया,
  • 20 जुलाई 2023,
  • अपडेटेड 8:57 PM IST

बिहार के गया जिले में 7 साल पहले रोडरेज की एक ऐसी घटना हुई थी, जिसने पूरे देश से का ध्यान अपनी तरफ खींचा था. तब आरजेडी के नेता बिंदी यादव और जेडीयू एमएलसी मनोरमा देवी के बेटे रॉकी यादव पर आरोप लगा था कि उसने रोडरेज की घटना के बाद आदित्य सचदेवा को बीच सड़क पर गोली मार दी थी. रॉकी के दोस्त टेनी यादव और मनोरमा देवी के बॉडीगार्ड राजेश कुमार को भी इस हत्याकांड में आरोपी बनाया गया था, लेकिन अब पटना हाईकोर्ट ने इन तीनों आरोपियों को हत्या के आरोप से मुक्त कर दिया है. पटना हाईकोर्ट ने इस मामले में तीनों अभियुक्तों को बरी करने का आदेश दिया है.

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दरअसल, पटना हाईकोर्ट की डबल बेंच ने आदित्य सचदेवा मर्डर केस के तीनों अभियुक्तों को बरी करने का आदेश बुधवार को जारी किया. पटना हाईकोर्ट के जस्टिस ए एम बदर और जस्टिस हरीश कुमार की बेंच ने यह फैसला सुनाया है. कोर्ट ने कहा है कि बिहार सरकार और उसकी पुलिस यह साबित करने में असफल रही है कि इन तीनों ने हत्या की घटना को अंजाम दिया था.

कोर्ट ने अभियोजन पक्ष की तरफ से पुख्ता सबूत नहीं पेश करने और ठोस तरीके से तथ्यों को नहीं रखे जाने के कारण आरोपियों पर अपराध स्थापित होता नहीं पाया और संदेह का फायदा देते हुए तीनों आरोपियों को बरी कर दिया गया है. इसके साथ ही पटना हाईकोर्ट ने गया कि निचली अदालत की तरफ से तीनों आरोपियों को सुनाई गई सजा को भी रद्द कर दिया है.

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आपको बता दें कि गया कि निचली अदालत ने तीनों आरोपियों को आदित्य सचदेवा मर्डर केस में उम्र कैद की सजा सुनाई थी. इतना ही नहीं हाईकोर्ट ने यह भी कहा है कि अगर इन तीनों आरोपियों से कोई जुर्माना वसूला गया है तो उसे भी वापस किया जाए.

मृतक आदित्य की तस्वीर के साथ उसके माता पिता

7 मई 2016 को हुई थी घटना

गौरतलब है कि 7 मई 2016 को बोधगया से गया की तरफ वापस आ रहे आदित्य सचदेवा की हत्या कर दी गई थी. आदित्य सचदेवा की हत्या के मामले में जेडीयू एमएलसी मनोरमा देवी के बेटे रॉकी यादव के ऊपर यह आरोप लगाया गया था कि उसने आदित्य सचदेवा की गाड़ी को ओवरटेक किया था और जब आदित्य ने रॉकी यादव की गाड़ी को साइड नहीं दिया तो आगे चलकर उसे गोली मार दी. गोली लगने के बाद आदित्य को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई थी.

बॉडीगार्ड को भी बनाया गया था आरोपी

पुलिस ने इस मामले में रॉकी यादव के साथ-साथ उसकी गाड़ी पर सवार टेनी यादव और जेडीयू एमएलसी मनोरमा देवी के बॉडीगार्ड राजेश कुमार को भी अभियुक्त बनाया था. उन्हें गिरफ्तार कर जेल भी भेजा गया था. गया के रामपुर थाने में मामला दर्ज किया गया था.

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रॉकी यादव की गिरफ्तारी के वक्त की तस्वीर.

सुनाई गई थी आजीवन कारावास की सजा

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर गया कि निचली अदालत ने इस मामले में स्पीडी ट्रायल की थी और 6 सितंबर 2017 को गया के एडीजे वन सच्चिदानंद सिंह की कोर्ट ने रॉकी यादव को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. निचली अदालत ने टेनी यादव और मनोरमा देवी के बॉडीगार्ड राजेश को भी आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.

बिंदी यादव को भी सुनाई गई थी सजा

इतना ही नहीं रॉकी यादव के पिता आरजेडी नेता बिंदी यादव को सबूत मिटाने और आरोपियों को मदद पहुंचाने के आरोप में 5 साल की सजा सुनाई गई थी. कोरोना संक्रमण के दौर में बिंदी यादव की मौत हो चुकी है. अब इस मामले में पुलिस रॉकी यादव समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में पुख्ता सबूत मुहैया नहीं करा पाई है और सभी आरोपी बरी हो गए हैं.

 

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