
बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने शराबबंदी के समर्थन में 21 जनवरी को दुनिया की सबसे लंबी मानव श्रृंखला बनाने का एलान किया है. इस आयोजन को कामयाब बनाने के लिए अधिकारियों पर दबाव साफ देखा जा सकता है.
रोहतास प्रशासन का फरमान
मुख्यमंत्री के सपने को हकीकत में बदलने के लिए रोहतास जिले के शिक्षा महकमे ने जिले के सभी स्कूलों के नाम फरमान जारी किया है. स्कूलों को लिखी गई चिट्ठी में विभाग ने मानव श्रृंखला में शामिल होने के लिए स्कूली बच्चों के अलावा उनके अभिभावकों की मौजूदगी भी सुनिश्चित करने के लिए कहा है.
प्रशासन की धमकी
आरोप है कि आयोजन में शामिल होने के लिए स्कूली बच्चों को प्रशासन डरा-धमका भी रहा है. चिट्ठी में साफ लिखा है कि मानव श्रृंखला में शामिल ना होने वाले बच्चों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. ऐसे बच्चों के दाखिले को अवैध करार देने के साथ इन्हें सरकारी लाभ से वंचित रखने की भी धमकी चिट्ठी में दी गई है. यानी ऐसे बच्चों को मंत्री पोशाक योजना और मुख्यमंत्री साइकिल योजना के तहत मिलने वाली रकम से महरूम रहना पड़ सकता है.
क्या है कार्यक्रम?
शराबबंदी के फैसले के प्रचार के लिए सीएम नीतीश कुमार ने करीब 11,292 किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला बनाने का कार्यक्रम रखा है. 21 जनवरी को होने वाले इस आयोजन की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं. कार्यक्रम की वीडियो रिकॉर्डिंग और फोटोग्राफी के लिए ड्रोन कैमरा के अलावा हेलीकॉप्टर और सैटेलाइट की भी मदद ली जा रही है. कार्यक्रम के तुरंत बाद इन तस्वीरों को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के अधिकारियों के पास भेजा जाएगा. मुख्य कार्यक्रम से पहले ही बिहार के तमाम इलाकों में स्कूली छात्रों को लगातार मानव श्रृंखला का ड्रिल करते हुए देखा जा रहा है. बिहार सरकार के तमाम मंत्री और विधायक भी अपने-अपने क्षेत्रों में मानव श्रृंखला कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए लगे हुए हैं.