
बिहार में एएनएम की बहाली में मंत्रियों और विधायकों की सिफारिश का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. बीजेपी इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग पहले ही कर चुकी है.
सोमवार को बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने बिहार के स्वास्थ्य मंत्री और लालू प्रसाद यादव के बेटे तेज प्रताप यादव और स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव आर के महाजन को चुनौती देते हुए कहा कि उनके पास इस बात के पुख्ता प्रमाण हैं कि मंत्री के ओएसडी शंकर प्रसाद ने एएनएम की बहाली के लिए एसएमएस भेजा और फोन किया.
बिहार कर्मचारी चयन आयोग के पेपर लीक मामले में गिरफ्तार सचिव ने एसआईटी से पूछताछ में खुलासा किया था कि एएनएम की बहाली में कई नेताओं और मंत्रियों ने अपने उम्मीदवारों के लिए सिफारिश की थी. मंत्रियों ने स्वीकार भी किया था कि राजनीति में होने के कारण उन्हें सिफारिश करनी पड़ती है.
इसी क्रम में स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव का नाम आया था कि उनके ओएसडी ने बसंती कुमारी सहित तीन उम्मीदवारों की एएनएम के पद पर बहाली के लिए पैरवी की थी, जिसका तेज प्रताप यादव ने जोरदार खंडन किया था.
सुशील कुमार मोदी ने सोमवार को कहा कि उनके पास पुख्ता सबूत हैं कि मंत्री के ओएसडी शंकर प्रसाद ने अपने सरकारी मोबाइल नम्बर से बीएसएससी के तत्कालीन सचिव परमेश्वर राम को तीन तीन एसएमएस भेजे थे. मोदी ने सरकार से सवाल करते हुए कहा है कि वो बताए कि तेज प्रताप यादव जिस विभाग के मंत्री हैं, उसके ओएसडी शंकर प्रसाद हैं कि नही? उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चुनौती देते हुए कि अगर हिम्मत है तो पूरे मामले की जांच सीबीआई से करा कर देख ले.