
आरजेडी नेता शहाबुद्दीन, रेप के आरोपी आरजेडी विधायक राजबल्लभ यादव और गया रोड रेज मामले में हत्या के आरोपी रॉकी यादव से संबंधित तीनों मामले सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में आने वाले हैं. बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी ने नीतीश कुमार सरकार पर दबाव बनाते हुए मांग की है जिस तरीके से शराबबंदी और बिहार म्यूजियम मामलों में बिहार सरकार ने नामचीन वकीलों से पैरवी करवाई थी, उसी तरह इन तीनों मामलों में भी बिहार सरकार सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकीलों से पैरवी करवाएं.
सुशील मोदी ने कहा, 'अगर राजबल्लभ यादव और रॉकी यादव की जमानत रद्द नहीं हुई और शहाबुद्दीन को तिहार जेल भेजने की याचिका खारिज हो गई, तो नीतीश कुमार बिहार की जनता को क्या मुंह दिखाएंगे?'
मोदी ने सवाल उठाया कि जब सीवान के पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या के मामले में जब बिहार सरकार स्वयं स्वीकार कर चुकी है कि शहाबुद्दीन जेल में रहकर भी मुकदमों पर विपरीत असर डाल सकता है, तो क्यों लालू प्रसाद के दबाव में आकर नीतीश सरकार शहाबुद्दीन का ट्रायल बिहार से बाहर करने और उन्हें सीवान से हटाकर तिहार जेल में रखने की वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण की अपील का विरोध कर रही है.
गौरतलब है कि सोमवार को शहाबुद्दीन को सिवान से तिहाड़ जेल में शिफ्ट करने की याचिका पर सुनवाई होने वाली है. वहीं, दूसरी ओर बलात्कार के आरोपी आरजेडी विधायक राजबल्लभ यादव की जमानत को रद्द करने की याचिका पर भी सुनवाई होने वाली है. गया रोड रेज मामले में हत्या का आरोपी जदयू पार्षद मनोरमा देवी का बेटा रॉकी यादव के बेल को खारिज करने के लिए भी बिहार सरकार सुप्रीम कोर्ट में अपील करने वाली है.
मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार हमेशा कहते हैं कि कानून अपना काम करेगा, लेकिन वह बताएं कि किसके दबाव में हाई कोर्ट में कमजोर पैरवी करके शाहबुद्दीन, राजबल्लभ और रॉकी यादव को धड़ल्ले से जमानत मिल रही है?