
बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का सियासी सफर सही नहीं चल रहा है. ताजा मामला विधान परिषद की 24 सीटों पर होने वाला चुनाव है. जिसे लेकर एनडीए के सहयोगी दलों का अपना-अपना राजनीतिक दावा है. अब नई मांग उठ रही है कि एनडीए के सहयोगी दल रालोजपा से जिसके सांसद प्रिंस पासवान ने विधान परिषद की सम्मानजनक सीटों की मांग उठाई है. उधर मुकेश सहनी का कहना है कि विधान परिषद का चुनाव भी पूरे एनडीए को मिल बांटकर लड़ना चाहिए.
मुकेश सहनी ने कर्पूरी ठाकुर की जयंती पर ऐलान करते हुए कहा कि यदि उन्हें एक भी सीट नहीं मिलती है, तो अपने बलबूते 24 पर सीटों चुनाव लड़ रहे हैं, जिसकी तैयारी वो कर रहे हैं. उन्होंने इस दौरान गठबंधन से अलग होने के सवालों का भी बेबाकी से जवाब दिया. सहनी ने कहा 2025 तक हमारा गठबंधन है.
सहनी ने लालू प्रसाद यादव की तारीफ और लालूवाद पर अपनी बात रखते हुए कहा कि हमारा विचार जब मिलेगा तो हम एक हो जाएंगे. फिलहाल हम एनडीए के पार्ट हैं. मुकेश सहनी ने अपने आवास पर कर्पूरी जयंती की 15 फीट प्रतिमा का अनावरण भी किया और बताया कि बिहार में कर्पूरी का फार्मूला आरक्षण में अपनाया जाना चाहिए. मुकेश सहनी के अलावा रालोजपा के प्रिंस पासवान एनडीए का टेंशन बढ़ा चुके हैं. उधर जीतन राम मांझी का मसला अलग है. 24 सीटों को लेकर एनडीए में अभी तक अंदरखाने कोई बैठक नहीं हुई है. लेकिन एनडीए के सहयोगी दल जदयू और बीजेपी का तनाव लगातार बढ़ा रहे हैं.
उधर विधान परिषद की सीटों के मामले में रालोजपा के सांसद प्रिंस पासवान ने अलग राग छेड़ा है. प्रिंस ने एनडीए नेतृत्व से पार्टी के लिए सम्मानजनक सीटों की मांग की है. उन्होंने कहा कि पिछली बार हम चार सीटों पर लड़े थे. इस बार भी हम लोग चुनाव लड़ना चाहते हैं. हम अपनी मांग पर अडिग हैं. इसके लिए केंद्रीय नेतृत्व से हमारी बातचीत चल रही है. प्रिंस ने कहा कि केंद्रीय नेतृत्व जल्द हमारी मांग पर विचार करें. प्रिंस ने बिहार के विशेष राज्य के दर्जे के मसले पर कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिले लेकिन केंद्र ने बिहार को विशेष पैकेज दिया है. अगर विशेष राज्य का दर्जा मिल जाए तो और भी अच्छी बात है.
बिहार में कुल 24 सीटों पर विधान परिषद के चुनाव होने है. बीजेपी पहले ही ऐलान कर चुकी है कि वो 13 सीटों पर चुनाव लड़ेगी क्योंकि वो सभी सीट उनकी हैं. जबकि जेडीयू 12-12 फॉर्मूले पर चुनाव लड़ना चाहती हैं. इन दोनों के बीच ही अभी मामला फंसा हुआ है.