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बिहार: दवा दुकानों में फार्मासिस्ट जरूरी करने से नाराजगी, 3 दिन की हड़ताल

राज्य सरकार के द्वारा सभी दवा दुकानों पर फार्मासिस्ट की नियुक्ति के विरोध में तीन दिनों तक हड़ताल का आह्वान किया गया है. यह हड़ताल बिहार केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन ने बुलाई है.

हड़ताल के बाद दुकानें बंद हड़ताल के बाद दुकानें बंद
रोहित कुमार सिंह
  • पटना,
  • 22 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 4:59 PM IST

  • बंद रहेंगी बिहार की 55000 दवा दुकानें
  • 22 से 24 जनवरी तक मरीजों को परेशानी

बिहार के तकरीबन 55000 थोक और खुदरा विक्रेता अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आज से अगले 3 दिनों के लिए हड़ताल पर चले गए हैं. पूरे बिहार में दवा विक्रेताओं की हड़ताल से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

राजधानी पटना समेत प्रदेश के सभी इलाकों में 22 से 24 जनवरी तक दवा दुकानें बंद रहेंगी.

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दरअसल, बिहार केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन राज्य सरकार के द्वारा सभी दवा दुकानों पर फार्मासिस्ट की नियुक्ति का विरोध कर रहा है. बिहार सरकार ने हाल में ही सभी दवा दुकानों पर फार्मासिस्ट की नियुक्ति को अनिवार्य कर दिया है और इसी का दवा विक्रेता विरोध कर रहे हैं.

एसोसिएशन का मानना है कि राज्य सरकार के ड्रग इंस्पेक्टर भी लगातार दवा दुकानों पर छापेमारी करके दवा विक्रेताओं को प्रताड़ित कर रहे हैं.

एसोसिएशन का मानना है कि ड्रग इंस्पेक्टर के द्वारा गलतियां पकड़े जाने पर उन्हें दंडित करने से पहले दवा विक्रेताओं को सुधार के लिए उचित समय दिया जाना चाहिए. इन्हीं सब मुद्दों को लेकर वह 3 दिनों के लिए हड़ताल पर चले गए हैं.

एसोसिएशन की यह भी मांग है कि ड्रग इंस्पेक्टरों के द्वारा निरीक्षण में पारदर्शिता नहीं है और इसके लिए पूरे सिस्टम को पारदर्शी बनाया जाना चाहिए. एसोसिएशन में पारदर्शिता लाने के लिए बिहार सरकार से दिशा-निर्देश जारी करने की भी मांग की है.

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हालांकि, सरकारी एवं निजी अस्पतालों में दवा दुकानें सुचारू रूप से चलती रहेंगी और वहां पर मरीजों को दवाएं उपलब्ध होगी. अस्पतालों में इमरजेंसी सेवाओं में भी दवा उपलब्ध रहेगी मगर बाकी पूरे प्रदेश में सभी दवा दुकानें 3 दिनों तक बंद रहेंगी.

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