
बिहार में कानून-व्यवस्था के मसले पर नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की सरकार घिरी है. मधुबनी जिले में हुए हत्याकांड के बाद विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव सरकार पर हमलावर हैं. अब सत्ता पक्ष की ओर से नीतीश सरकार में उपमुख्यमंत्री रह चुके सुशील कुमार मोदी ने मोर्चा संभाला है.
राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि आज वे जिस समाज के लोगों की हुई हत्या पर दुख जता रहे हैं, उसी समाज के लोगों को उन्होंने पूर्व में अपनी पार्टी में अपमानित किया है. दिवंगत नेता रघुवंश प्रसाद सिंह का जिक्र करते हुए सुशील मोदी ने कहा कि जब वे जीवित थे तो आरजेडी के लोगों ने इतना अपमानित किया कि उन्हें एम्स के बेड से सादे कागज पर अपना इस्तीफा लालू प्रसाद को भेजना पड़ा था.
सुशील मोदी ने ट्वीट कर कहा कि आरजेडी के राजकुमार आज जिस समाज के लोगों की दुखद हत्या पर ओवर रिएक्शन दे रहे हैं, उसी समाज के एक वरिष्ठ नेता को इन लोगों ने जीते जी इतना परेशान कर दिया कि उन्हें एम्स के बेड से सादे कागज पर अपना इस्तीफा लालू प्रसाद को भेजना पड़ा था.
सुशील मोदी यहां पर उस घटना का जिक्र कर रहे थे जब 2020 विधानसभा चुनाव से पहले तेजस्वी रघुवंश प्रसाद सिंह के धुर विरोधी रामा सिंह को आरजेडी में शामिल करना चाहते थे. इसकी वजह से रघुवंश प्रसाद सिंह आहत हुए और बाद में पार्टी से छोड़ दिया.
सुशील मोदी ने आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के साथ लालू के बड़े बेटे तेज प्रताप की बदसलूकी का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि जगदानंद सिंह जैसे वरिष्ठ नेता को तेज प्रताप ने आरजेडी दफ्तर में अपनी आगवानी नहीं करने पर खरी-खोटी सुनाई थी. सुशील मोदी ने आरजेडी की ओर से अगड़ी जातियों के गरीबों के लिए 10 फीसदी आरक्षण देने के केंद्र सरकार के कदम का विरोध करने का भी जिक्र किया.