Advertisement

मांझी दलितों के बड़े नेता, उन पर डोरे डालने वाले नहीं होंगे सफल: सुशील मोदी

सुशील कुमार मोदी ने कहा कि जीतन राम मांझी दलितों के सर्वमान्य नेता हैं और आरजेडी की उन पर डोरे डालने की कोशिश सफल नहीं होगी. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि जीतन राम मांझी एनडीए के वरिष्ठ नेता है इसलिए किसी जनप्रतिनिधि की उन से शिष्टाचार भेंट का राजनीतिक मायने निकालने की जल्दबाजी नहीं होनी चाहिए.

सुशील कुमार मोदी (फाइल फोटो) सुशील कुमार मोदी (फाइल फोटो)
रोहित कुमार सिंह
  • पटना,
  • 11 जून 2021,
  • अपडेटेड 8:24 PM IST
  • जीतन राम मांझी से मिले तेज प्रताप यादव
  • 5 साल का कार्यकाल पूरा करेगी नीतीश सरकार: सुशील मोदी

आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के 74 वें जन्मदिन के मौके पर शुक्रवार को जब उनके बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी से उनके आवास पर जाकर मुलाकात की. इसके बाद से ही राजनीतिक गलियारे में कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या आरजेडी जीतन राम मांझी को वापस महागठबंधन में लाने के लिए उन पर डोरे डाल रहा है?

तेज प्रताप यादव और जीतन राम मांझी की पटना में हुई इस मुलाकात को लेकर अब बीजेपी के राज्यसभा सांसद और पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. सुशील मोदी ने कहा है कि बिहार में एनडीए पूरी तरीके से एकजुट है और नीतीश कुमार की सरकार पूरे 5 साल का अपना कार्यकाल पूरा करेगी.

सुशील कुमार मोदी ने कहा कि जीतन राम मांझी दलितों के सर्वमान्य नेता हैं और आरजेडी की उन पर डोरे डालने की कोशिश सफल नहीं होगी. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि जीतन राम मांझी एनडीए के वरिष्ठ नेता है इसलिए किसी जनप्रतिनिधि की उन से शिष्टाचार भेंट का राजनीतिक मायने निकालने की जल्दबाजी नहीं होनी चाहिए. मांझी किसी एक जाति के नहीं बल्कि बिहार में दलितों के बड़े सर्वमान्य नेता है और उन्होंने आरजेडी के कुशासन को देखा है. 

Advertisement


वहीं दूसरी तरफ एनडीए में बीजेपी, जदयू और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के तरफ से कई मुद्दों को लेकर बयान बाजी को लेकर भी सुशील मोदी ने कहा कि एनडीए एक लोकतांत्रिक गठबंधन है और इसी कारण से जनता से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर सभी घटक दलों की अलग-अलग राय हो सकती है.

मोदी ने एनडीए के घटक दलों को सलाह दी कि वह एक दूसरे के खिलाफ सार्वजनिक तौर पर बयानबाजी करने से बेहतर है कि संगठन के आंतरिक मंच पर अपनी राय रखें.

 

 

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement