
बिहार में विधानसभा चुनावों में भले ही अभी समय है पर राजनीतिक पारा अभी से चढ़ने लगा है. जहां एक ओर लोकसभा चुनाव में मिले भारी जनसमर्थन से भाजपा और जदयू उत्साहित है वहीं दूसरी ओर पिछले तीन महीने से बिहार की राजनीति से गायब चल रहे आरजेडी नेता तेजस्वी यादव फिर से सक्रिय हो गए है.
मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के सरकारी आवास 10, सर्कुलर रोड पर जो महागठबंधन की बैठक हुई जिसमें कांग्रेस की तरफ से प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के नेता उपेंद्र कुशवाहा, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी, विकासशील इंसान पार्टी के नेता मुकेश साहनी शामिल हुए.
इसके बाद से ये सवाल उठने लगे हैं कि क्या तेजस्वी अगले साल विधानसभा चुनाव में भी महागठबंधन के नेता होंगे. इसको लेकर महागठबंधन के सभी दलों का कहना है कि अभी इस सवाल का कोई मतलब नहीं है, इसको लेकर बाद में चर्चा होगी.
बताते चलें कि 2019 लोकसभा चुनाव में आरजेडी नेता तेजस्वी यादव को महागठबंधन के सभी दलों ने अपना नेता माना था और उन्हीं की अगुवाई में लोकसभा चुनाव भी लड़ा गया. अगले साल होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में भी क्या तेजस्वी यादव महागठबंधन के नेता बनेंगे. महागठबंधन में शामिल राजनीतिक दल तेजस्वी को अगले मुख्यमंत्री के तौर पर प्रोजेक्ट करेंगे . इसको लेकर अब महागठबंधन में असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है.
हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने इस बैठक के बाद कहा कि तेजस्वी यादव महागठबंधन को नेता माना जाए या नहीं यह सवाल अभी नहीं है. मांझी ने कहा कि इस मुद्दे पर चर्चा बाद में होगी और अगर जरूरत पड़ी तो महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री का उम्मीदवार कौन होगा उसके नाम की घोषणा चुनाव के वक्त ही की जाएगी. हालांकि, आरजेडी ने पहले ही घोषणा कर दी है कि 2020 के विधानसभा चुनाव के लिए तेजस्वी यादव ही उनके मुख्यमंत्री के उम्मीदवार होंगे.