Advertisement

NPR-CAA, जातिगत जनगणना और लाउडस्पीकर पर नीतीश-तेजस्वी की जुगलबंदी, BJP से बढ़ न जाए तल्खी?

जातिगत जनगणना के मुद्दे पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की और दोनों बीच करीब 40 मिनट तक बात हुई. तेजस्वी और नीतीश के बीच ये मुलाकात पहली बार नहीं हुई बल्कि बीस दिनों में चौथी बार हुई है. नीतीश कुमार भले ही बिहार में बीजेपी के साथ मिलकर सरकार चला रहे हों, पर कई मुद्दों पर बीजेपी की राय से अपना स्टैंड उलट रख रहे हैं.

नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव (फाइल फोटो) नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव (फाइल फोटो)
कुबूल अहमद
  • नई दिल्ली ,
  • 12 मई 2022,
  • अपडेटेड 1:29 PM IST
  • जातिगत जनगणना के मुद्दे पर तेजस्वी-नीतीश एकमत
  • सीएए-एनआरसी पर बीजेपी के स्टैंड के खिलाफ नीतीश
  • एनपीआर 2010 के प्रारूप पर कराएंगे सीएम नीतीश

बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई वाले एनडीए के भीतर जेडीयू और बीजेपी में लगातार असमंजस की स्थिति बनी हुई है. सीएम नीतीश कुमार एक के बाद एक कई मुद्दों पर बीजेपी और केंद्र की मोदी सरकार की राय से उलट स्टैंड ले  रहे हैं. वे विपक्षी नेता तेजस्वी यादव के साथ भी सुर से सुर मिलाते नजर रहे है. बुधवार को तेजस्वी-नीतीश की मुलाकात जातिगत जनगणना के मुद्दे पर हुई है, जिस पर दोनों ही नेता एकमत हैं. 

Advertisement

जाति जनगणना, एनपीआर-सीएए-एनआरसी और लाउडस्पीकर पर के मुद्दे पर भी नीतीश कुमार का स्टैंड बीजेपी से उलटा है और तेजस्वी से मिलता-जुलता दिख रहा है. ऐसे में सवाल उठता है कि नीतीश कुमार एक तरफ तो तेजस्वी यादव के साथ जुगलबंदी कर रहे हैं और दूसरी तरफ बीजेपी से अलग अपना स्टैंड रख रहे हैं. ऐसे में नीतीश कैसे बिहार की सियासत में बीजेपी के साथ कदम-से-कदम मिलाकर चल पाएंगे? 

जातिगत जनगणना के पक्ष में तेजस्वी-नीतीश

जातिगत जनगणना की मांग को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव एकमत हैं जबकि बीजेपी इस पर राजी नहीं है. तेजस्वी ने जाति जनगणना के मुद्दे पर बुधवार को नीतीश कुमार से मुलाकात की है. नीतीश से मिलने के बाद तेजस्वी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने भरोसा दिया है कि वह भी जातिगत जनगणना के पक्ष में हैं और जल्द ही सर्वदलीय बैठक बुलाकर इसपर फैसला लेंगे. नीतीश कुमार इससे पहले भी दो बार बिहार विधान मंडल में जातिगत जनगणना के लिए प्रस्ताव पास कर केंद्र सरकार को भेज चुके हैं और पिछले साल इसी मुद्दे पर सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी. 

Advertisement

वहीं, नीतीश कुमार बिहार में जातिगत जनगणना कराने का भरोसा दे चुके हैं तो सीएम के साथ बातचीत का ब्योरा देते हुए तेजस्वी ने दावा किया कि मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वस्त किया है कि जल्द ही सर्वदलीय बैठक बुलाकर जातिगत जनगणना कैसे और कब कराने को लेकर सर्वसम्मति बनाई जाएगी. अन्य राज्यों ने भी कराया है, लेकिन बिहार इसे बेहतर ढंग से कराना चाहता है. कैबिनेट में ले जाने से पहले प्रस्ताव पर सभी दलों से विमर्श करके इसकी रूपरेखा तय कर ली जाए जबकि मोदी सरकार स्पष्ट कह चुकी हैं कि साल 2021 में जातिगत जनगणना नहीं होगी. 

सीएए-एनआरसी पर जेडीयू-बीजेपी एकमत नहीं

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बंगाल दौरे पर कहा था कि देश में कोरोना महामारी खत्म होने के बाद संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को लागू किया जाएगा. साल 2019 में जब मोदी सरकार नागिरक संशोधन कानून लाई थी तो संसद में बिल पर नीतीश कुमार की पार्टी ने समर्थन किया था. हालांकि, जब देश भर में सीएए और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन हो रहा था तब नीतीश सरकार ने बिहार विधानसभा में सर्वसम्मति से राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को लागू नहीं करने का प्रस्ताव पास किया था. इतना ही नहीं उन्होंने कहा था कि बिहार में एनआरएसी और सीएए को किसी भी सूरत में लागू नहीं होने देंगे जबकि बीजेपी लागू करने के समर्थन में है. तेजस्वी यादव भी सीएए-एनआरसी के खिलाफ हैं. नीतीश  बीजेपी के स्टैंड से पूरी तरह अलग राय रखते हैं.  

Advertisement

एनपीआर के 2010 मॉडल के पक्ष में नीतीश

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दो दिन पहले सोमवार को कहा कि राज्य में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को उसके 2010 प्रारूप में ही लागू किया जाना चाहिए. बिहार सरकार ने पहले ही केंद्र को एक पत्र लिखकर एनपीआर फॉर्म से विवादास्पद खंडों को हटाने की मांग की है. नीतीश ने कहा कि हमने यह स्पष्ट कर दिया है कि एनपीआर में किसी को नए प्रारूप में माता-पिता के जन्मस्थान जैसी जानकारी देने के लिए नहीं कहा जाना चाहिए. 

बता दें कि मोदी सरकार ने नए एनपीआर फॉर्म में माता-पिता के जन्म की तारीख और स्थान तथा आवेदक के अंतिम आवासीय पते जैसे अतिरिक्त प्रश्न हैं, जिसके विरोध में नतीश है. माना जा रहा है कि मोदी सरकार एनपीआर के आंकड़े जुटाकर राष्ट्रव्यापी राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) की राह तैयार करेगी. एनपीआर और एनआरसी के विरोध में तेजस्वी और नीतीश एकमत है, जो बीजेपी के स्टैंड के पूरी तरह से खिलाफ है. 

लाउडस्पीकर की पाबंदी के खिलाफ नीतीश

महाराष्ट्र से लाउडस्पीकर के खिलाफ उठी आवाज को लेकर देश की सियासत गर्मा गई थी. बिहार में बीजेपी नेता मस्जिदों के लाउडस्पीकर बैन करने की मांग उठा रहे हैं, लेकिन नीतीश कुमार ने साफ कर दिया है कि राज्य में लाउडस्पीकर पर कोई पाबंदी नहीं होगी. लाउडस्पीकर को लेकर बिहार में जेडीयू और बीजेपी के सुर अलग-अलग हैं. नीतीश कुमार ने वही बात कही जिसे नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने थी. तेजस्वी यादव ने कहा था कि बेरोजगारी से नौजवानों का भविष्य बर्बाद हो रहा है और आप बात लाउडस्पीकर से नींद की बात कर रहे हैं. उन्हें क्या नींद आएगा जो बेरोजगार हैं. इस तरह नीतीश ने लाउडस्पीकर पाबंदी को पूरी तरह से खारिज कर दिया था. 

Advertisement

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement