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पटना: FIR पर आगबबूला तेजस्वी, बोले- दम है तो गिरफ्तार करे निकम्मी सरकार

तेजस्वी यादव प्रशासन की ओर से किए गए इस FIR पर भड़क गए हैं. तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा कि, "डरपोक और बंधक मुख्यमंत्री की अगुवाई में चल रही बिहार की कायर और निकम्मी सरकार ने किसानों के पक्ष में आवाज उठाने के जुर्म में हम पर FIR दर्ज की है. दम है तो गिरफ्तार करो.

तेजस्वी यादव तेजस्वी यादव
aajtak.in
  • पटना,
  • 06 दिसंबर 2020,
  • अपडेटेड 9:31 AM IST
  • किसानों के लिए फांसी भी मंजूर-तेजस्वी
  • बिना इजाजत प्रदर्शन के लिए तेजस्वी पर FIR
  • धरना-प्रदर्शन में शामिल हुए थे तेजस्वी

बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने राज्य सरकार पर जोरदार हमला किया है. तेजस्वी ने बिहार की एनडीए सरकार को निकम्मी और डरपोक करार देते हुए कहा है कि बिहार सरकार ने किसानों के पक्ष में धरना देने के लिए उनके और उनके समर्थकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. तेजस्वी ने चुनौती दी है कि अगर इस सरकार में दम है तो उन्हें गिरफ्तार करके दिखाए, अन्यथा वे खुद गिरफ्तारी देंगे. तेजस्वी ने कहा कि किसानों के लिए वह फांसी पर भी चढ़ने को तैयार हैं. 

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बता दें कि तेजस्वी यादव ने शनिवार को अपने समर्थकों के साथ पटना के गांधी मैदान में नए कृषि कानूनों की वापसी की मांग को लेकर धरना दिया था. 

तेजस्वी ने इस दौरान कहा था कि जो व्यक्ति कड़ी मेहनत करने वाले किसान के भले की नहीं सोच सकता है, वह कभी भी इंसान और इंसानियत में यकीन नहीं कर सकता. किसान समस्त मानव जाति का पालनहार है. जो किसान का नहीं, वह देश का हितैषी नहीं.

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तेजस्वी के इस धरने के खिलाफ पटना पुलिस ने तेजस्वी यादव और उनके 18 समर्थकों और 500 अज्ञात लोगों के खिलाफ बिना अनुमति धरना देने का केस दर्ज किया है. पुलिस ने आईपीसी और महामारी कानून की अलग अलग धाराओं के तहत ये केस दर्ज किया है. 

तेजस्वी यादव प्रशासन की ओर से किए गए इस FIR पर भड़क गए हैं. तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा कि, "डरपोक और बंधक मुख्यमंत्री की अगुवाई में चल रही बिहार की कायर और निकम्मी सरकार ने किसानों के पक्ष में आवाज उठाने के जुर्म में हम पर FIR दर्ज की है. दम है तो गिरफ्ता करो, अगर नहीं करोगे तो इंतजार बाद स्वयं गिरफ़्तारी दूंगा. किसानों के लिए FIR क्या अगर फांसी भी देना है तो दे दीजिए. 

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शनिवार को तेजस्वी यादव ने कहा था कि धनदाता और अन्नदाता की इस लड़ाई में हम अन्नदाता के साथ खड़े हैं. क्या किसानों के समर्थन में आवाज उठाना, उनकी आय दोगुनी करने के लिए नए कानूनों में अनिवार्य रूप से MSP की मांग करना, खेत-खलिहान को बचाने की लड़ाई करना अपराध है? अगर है तो हम यह अपराध बार-बार करेंगे? बता दें कि राष्ट्रीय जनता दल भी नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रही है. 

 

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