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तेजस्वी ने महादलित के घर खाया खाना, आज करेंगे न्याय यात्रा की शुरुआत

नीतीश के काफिले पर हमले के कुछ दिन बाद तेजस्वी यादव महादलितों पर हुए पुलिसिया अत्याचार को लेकर नंदन गांव भी पहुंचे थे. अब न्याय यात्रा की शुरुआत करने से पहले महादलित के घर में भोजन करके अपनी राजनीति को एक नए स्वरूप देने की कोशिश की है.

तेजस्वी यादव तेजस्वी यादव
रणविजय सिंह/रोहित कुमार सिंह
  • पटना,
  • 10 फरवरी 2018,
  • अपडेटेड 7:28 AM IST

संविधान बचाओ न्याय यात्रा की शुरुआत करने के क्रम में आरजेडी नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव शुक्रवार शाम कटिहार पहुंचे. कटिहार में अपने रात्रि प्रवास के दौरान तेजस्वी यादव कुर्सेला प्रखंड के बलथि महेशपुर दलित टोला गए, जहां उन्होंने एक महादलित परिवार के घर रात का भोजन किया.

डोमन राम, महादलित के घर तेजस्वी शुक्रवार की शाम तकरीबन 8:30 बजे पहुंचे और उनके घर के हालात का जायजा लिया. तेजस्वी ने सबसे पहले शौच करने की इच्छा जताई और डोमन राम के घर के बाहर बने शौचालय में पहुंच गए, लेकिन शौचालय की हालत देखकर उन्होंने बिहार सरकार को जमकर कोसा.

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तेजस्वी ने कहा कि बिहार सरकार और केंद्र सरकार शौचालय बनाने के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर रही है, लेकिन इसके बावजूद भी डोमन राम जैसे महादलित को खुद अपने पैसे से शौचालय बनाना पड़ा है. ये शौचालय भी पूरा नहीं बना है, क्योंकि इसमें दरवाजा नहीं है.

इसके बाद तेजस्वी डोमन राम के मिट्टी के घर में गए. तेजस्वी घर की हालत देखकर नीतीश सरकार पर बरस पड़े और कहा कि इंदिरा आवास योजना के तहत सरकार गरीबों को मकान बनाने के लिए पैसे देती है, लेकिन वह पैसे डोमन राम जैसे गरीबों को नहीं पहुंचता है. इसके बाद तेजस्वी ने डोमन राम से पूछा कि क्या उनके घर में नल का पानी आता है या फिर बिजली आती है. इसके जवाब में डोमन राम ने कहा कि यह दोनों चीजें भी उनके घर पर अब तक उपलब्ध नहीं हुई हैं.

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इस पर तेजस्वी ने कहा कि बिहार और केंद्र में अब डबल इंजन की सरकार होने के बाद भी गरीबों के लिए कुछ नहीं किया जा रहा है. इसकी वजह से नंदन गांव जैसी घटनाएं हो रही हैं, जहां पर महादलितों ने नीतीश कुमार पर नाराजगी जताते हुए उनके काफिले पर कुछ दिन पहले हमला किया था.

इसके बाद तेजस्वी ने स्थानीय विधायक और सहयोगियों के साथ डोमन राम के घर पर जमीन पर बैठकर रात्रि भोजन किया. भोजन में तेजस्वी को पूरी, आलू गोभी की सब्जी और चावल का खीर परोसा गया.

आजतक से बातचीत करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि पिछले 12 सालों से नीतीश कुमार दावा कर रहे हैं कि बिहार में विकास का काम हुआ है. खासकर गरीब और महादलितों के लिए हुए विकास की पड़ताल करने के लिए वह महादलित टोला में पहुंचे थे.

गौरतलब है कि, अब तक के अपने छोटे राजनीतिक जीवन में तेजस्वी यादव ने कभी भी किसी महादलित के घर में भोजन नहीं किया है. जब उनसे पूछा गया कि ऐसा करने के लिए उन्हें किसने प्रेरित किया तो तेजस्वी ने कहा, उन्होंने यह सब अपने पिता लालू प्रसाद से सीखा है.

इससे पहले, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने भी कई मौकों पर दलितों के घर जाकर भोजन किया है. अब इस कड़ी में तेजस्वी यादव का भी नाम जुड़ गया है.

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आज तक से बातचीत करते हुए तेजस्वी ने कहा कि अपने न्याय यात्रा के दौरान वह अनदेखी और स्पेशल राज्य का दर्जा नहीं दिए जाने के मुद्दे को उठाएंगे. उन्होंने कहा कि वह नीतीश कुमार और भाजपा के बीच सांठगांठ और बिहार में विकास कार्य नहीं होने के मुद्दे को भी जनता के बीच लेकर जाएंगे.

वहीं, दूसरी तरफ महादलित डोमन राम ने कहा कि तेजस्वी यादव के उनके घर पर आने और भोजन करने को लेकर वह काफी खुश हैं और अब उम्मीद करते हैं कि उनके परिवार का कुछ भला होगा.

दिलचस्प बात यह है कि, आरजेडी को अब तक मुख्य रूप में यादवों और मुसलमानों की पार्टी के रूप में जाना जाता था, जबकि दलित और महादलित पर नीतीश कुमार के पार्टी की पकड़ थी. लेकिन बक्सर के नंदन गांव में जिस तरीके से महादलितों ने अपने इलाके में विकास के कार्य नहीं होने को लेकर पिछले महीने नीतीश कुमार के काफिले पर हमला किया था उसके बाद से ही तेजस्वी दलित और महादलितों के मुद्दे को उठा रहे हैं.  

यही नहीं, नीतीश के काफिले पर हमले के कुछ दिन बाद तेजस्वी यादव महादलितों पर हुए पुलिसिया अत्याचार को लेकर नंदन गांव भी पहुंचे थे. अब न्याय यात्रा की शुरुआत करने से पहले महादलित के घर में भोजन करके उन्होंने अपनी राजनीति को एक नया स्वरूप देने की कोशिश की है.

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