
रामचरित मानस विवाद पर बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का बयान आया है. उन्होंने कहा है कि सभी धर्मों और ग्रंथों का सम्मान होना चाहिए. लेकिन जैसे ही उन्हीं के पार्टी के नेता और शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के रामचरित मानस पर विवादित बयान पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने चुप्पी साध ली. तेजस्वी ने कहा कि बीजेपी एक सोची समझी राजनीतिक साज़िश के तहत कार्य कर रही है. सब जानते हैं यह साज़िश एक-डेढ़ वर्ष पूर्व शुरू हुई . कभी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को उपराष्ट्रपति बनाने की अफ़वाह फैलाई जा रही थी, कभी राज्यपाल बनाने की, कभी केंद्रीय मंत्री बनाने खबरें बनाई जा रही थी. जैसे मुख्यमंत्री ने भी कई बार बताया कि इन्हीं लोगों द्वारा जदयू को तोड़ने की साज़िश रची जा रही थी.
तेजस्वी ने कहा अब जब से बिहार में महागठबंधन बना है और महागठबंधन सरकार ने अपने एजेंडे के तहत नौकरियां देने की और जातिगत जनगणना कराने का कार्य शुरू किया है, वही लोग फिर साज़िशें कर रहे हैं. मुख्यमंत्रीजी और हम सब इन सभी बातों को समझते हैं और उन लोगों को पहचानते है. बिहार में महागठबंधन के शीर्ष नेता हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं. सब जानते हैं कि जनता किसके साथ है. बिहार की जनता नीतीश कुमार और लालू प्रसाद के साथ है, ना की बयानवीर चर्चित नेताओं के साथ.
तेजस्वी ने कहा कि हम सबको सभी जाति-धर्मों और ग्रंथों का सम्मान करना चाहिए. ग्रंथों और धर्म की बजाय वास्तविक मुद्दों पर बहस होनी चाहिए. धर्म को राजनीति से दूर रखना चाहिए, तभी हम जनता के असल मुद्दों पर बात कर पायेंगे. मंदिर -मस्जिद, हिंदू-मुस्लिम ये सब बीजेपी के पसंदीदा मुद्दे हैं. Debate और Discussion रोजी-रोटी, शिक्षा-चिकित्सा, विकास और जनकल्याण पर होनी चाहिए ना कि धर्म और ग्रंथ पर. बिहार में बीजेपी के नापाक इरादे कभी सफल नहीं होंगे.