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'RJD से खास डील और JDU के विलय की चर्चा...' उपेंद्र कुशवाहा की चिट्ठी से बिहार में गरमाई सियासत

जनता दल यूनाइटेड संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने पार्टी के कार्यकर्ताओं के नाम एक खुला पत्र लिखा है. इस पत्र के जरिए उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को दो दिवसीय बैठक में शामिल होने की अपील की है. इसके साथ ही उन्होंने पिछले एक-डेढ़ महीने से पार्टी के अंदर मची उथल-पुथल का भी जिक्र किया है. उपेंद्र ने राजद की तरफ से खास डील और जदयू के विलय की चर्चाओं पर चिंता जताई है.

JDU नेता उपेंद्र कुशवाहा ने पार्टी नेताओं को चिट्ठी लिखी है. (फाइल फोटो) JDU नेता उपेंद्र कुशवाहा ने पार्टी नेताओं को चिट्ठी लिखी है. (फाइल फोटो)
रोहित कुमार सिंह
  • पटना,
  • 05 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 5:30 PM IST

बिहार की राजनीति में एक बार फिर बड़ा उलटफेर देखने को मिल सकता है. सत्तारूढ़ महागठबंधन (राजद) के खिलाफ जदयू के पार्लियामेंट्री बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा खुलकर सामने आ गए हैं. उन्होंने जदयू के प्रमुख नेताओं, अपनी पुरानी पार्टी रालोसपा के साथियों और महात्मा फुले समता परिषद के प्रमुख लीडर्स को मीटिंग करने के लिए बुलाया है. ये मीटिंग पटना में 19 और 20 फरवरी को रखी है. इस संबंध में उपेंद्र ने एक चिट्ठी जारी की है, जिसमें उन्होंने जदयू के बिखरने को लेकर चिंता जताई है. चिट्ठी में उपेंद्र का दर्द भी छलका. उन्होंने कहा कि मैं डेढ़ महीने से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इस बारे में बता रहा हूं, लेकिन वो ध्यान नहीं दे रहे हैं और गलत तरीके से व्याख्या कर रहे हैं. आगे लिखा- आज बैठक कर चर्चा की जरूरत आ गई है. 

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बताते चलें कि महागठबंधन में आरजेडी और जनता दल यूनाइटेड के बीच पिछले कुछ दिन से रस्साकशी और बयानबाजी देखने को मिलती रही है. पहले सुधाकर सिंह और चंद्रशेखर के विवादित बयान चर्चा में रहे. उससे लगातार यह सवाल खड़े हुए कि क्या नीतीश कुमार एक बार फिर से पलटी मार सकते हैं और क्या वह बीजेपी के संपर्क में है? इस बीच, जनता दल यूनाइटेड संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के बयानों ने गुटबाजी को और हवा दे दी. उपेंद्र के बयानों पर सीएम नीतीश ने दो टूक कह दिया और पार्टी छोड़कर जाने के संकेत दे दिए. हालांकि, उपेंद्र ने साफ कहा कि वो पार्टी नहीं छोड़ेंगे. इसमें उनकी भी उतनी ही हिस्सेदारी है. ये विवाद अभी थमा नहीं था कि एक बार फिर उपेंद्र कुशवाहा ने चिट्ठी जारी कर राजनीतिक गलियारों में उथल-पुथल मचा दी.

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क्या जदयू तोड़ने की फिराक में हैं उपेंद्र कुशवाहा?

रविवार को उपेंद्र कुशवाहा ने जदयू कार्यकर्ताओं के नाम एक पत्र लिखा है. इसमें उन्होंने पार्टी नेताओं को 19 और 20 फरवरी को पटना के सिन्हा लाइब्रेरी में बैठक करने की सूचना दी है और आमंत्रित किया है. ऐसे में सवाल उठने लगा है कि नीतीश कुमार या फिर जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह यादव, प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा से इतर उपेंद्र कुशवाहा ने पार्टी की दो दिवसीय बैठक बुलाई है? क्या उपेंद्र कुशवाहा जनता दल यूनाइटेड को तोड़ने की फिराक में हैं?

क्या लिखा है चिट्ठी में...

हमारी पार्टी अपने आंतरिक कारणों से रोज कमजोर हो रही है. महागठबंधन बनने के बाद विधानसभा उपचुनाव के परिणाम आने के समय से ही मैं नीतीश कुमार को पार्टी की स्थिति से लगातार अवगत कराते आ रहा हूं. मैं कोशिश कर रहा हूं कि दिन-प्रतिदिन जेडीयू जिसका अस्तित्व खोता जा रहा है उसको बचाया जा सके. तमाम कोशिशों के बावजूद भी नीतीश कुमार ने मेरी बातों को अनदेखा किया. मुख्यमंत्रीजी की ओर से मेरी बातों की न सिर्फ अनदेखी की जा रही है बल्कि उसकी व्याख्या भी गलत तरीके से की जा रही है. राजद के साथ “एक खास डील” और जेडीयू का आरजेडी के साथ विलय की चर्चाओं ने पार्टी के निष्ठावान नेताओं और कार्यकर्ताओं को झकझोर कर रख दिया है. ऐसी स्थिति में हम सबके सामने राजनीतिक शून्यता की स्थिति बनती जा रही है. ऐसी परिस्थिति में पार्टी समय आ गया है कि हम इस मुद्दे पर विमर्श करें.

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पढ़िए पूरी चिट्ठी...

 

 

 

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