Advertisement

विरोधियों से मुलाकात, कमजोर नेता का टैग और सियासी हमला... नीतीश-उपेंद्र कुशवाहा के बीच छिड़ी खुली लड़ाई

बिहार की राजनीति एक बार फिर गरम हो गई है. बिहार के सीएम नीतीश कुमार और जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के रिश्तों में खटास बढ़ती जा रही है. दरअसल कुशवाहा के बीजेपी में जाने की अटकलों के बाद से दोनों नेताओं के बीच तीखी बयानबाजी शुरू हो गई है. सीएम ने उन्हें पार्टी छोड़ने के संकेत दे दिए तो कुशवाहा ने पार्टी में हिस्सेदारी की बात कह दी.

नीतीश कुमार और उपेंद्र कुशवाहा में बढ़ी तकरार (फाइल फोटो) नीतीश कुमार और उपेंद्र कुशवाहा में बढ़ी तकरार (फाइल फोटो)
शश‍ि भूषण
  • पटना,
  • 26 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 11:52 AM IST

बिहार के सीएम नीतीश कुमार और जेडीयू के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के बीच अब खुलकर बयानबाजी होने लगी है. दोनों की बीच अब पहले जैसे रिश्ते नहीं रहे. उपेंद्र कुशवाहा के बीजेपी में जाने की अटकलों के बीच नीतीश कुमार ने गुरुवार को दो टूक कहा कि उन्हें जोडीयू में रहना है तो रहें, जाना हो तो भी बहुत अच्छा है. वहीं जेडीयू में हिस्सेदारी के कुशवाहा के बयान पर उन्होंने कहा कि इन सब बातों का कोई मतलब नहीं है. अगर कोई बात है तो हमसे कहें. आखिर दोनों में टकराहट की क्या वजह है? किस घटना के बाद से दोनों एक-दूसरे पर हमलावर हो गए है? आइए सिलसिलेवार जानते हैं पूरा मामला:

Advertisement

- उपेंद्र कुशवाहा पिछले हफ्ते 19 जनवरी को दिल्ली के एम्स में रुटीन चेकअप के लिए भर्ती हुए थे. वहां बिहार बीजेपी के तीन नेता उनसे मिलने पहुंच गए थे. पूर्व विधायक प्रेम रंजन पटेल, संजय सिंह टाइगर और योगेंद्र पासवान मिलने पहुंचे थे. कुशवाहा से इस बारे में जब पूछा गया तो उन्होंने कहा कि बीजेपी के किसी नेता के साथ मुलाकात का यह अर्थ निकालना कि हम बीजेपी के संपर्क में है, ये गलत है. संपर्क की बात इस अर्थ में की जा रही है कि बीजेपी के नेताओं से हमारी पार्टी का जो जितना बड़ा नेता है, वह उतना ही ज्यादा संपर्क में है. 

-  उपेंद्र कुशवाहा ने कहा था कि हमारी पार्टी जनता दल यूनाइटेड दो-तीन बार बीजेपी के संपर्क में गई और फिर संपर्क से बाहर हो गई. पार्टी अपनी रणनीति के हिसाब से जो आवश्यक होता है, वह करती है. मेरे बारे में ऐसी चर्चा करने का कोई मतलब है क्या? मैं जेडीयू में रहूंगा कि नहीं यह मेरे अलावा और कौन तय कर सकता है?

Advertisement

- इसके बाद सीएम नीतीश कुमार से जब उपेंद्र कुशवाहा को लेकर सवाल किया था, तो उन्होंने कहा कि हम से कुछ मत पूछिए. छोड़ दीजिए उनको. जो उनके मन में आए वह बोलते रहें. उनको बोलने के लिए छोड़ दीजिए. उनकी बात पर हमारी पार्टी का कोई भी आदमी कुछ नहीं बोलेगा. 

- नीतीश कुमार ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा जो कुछ कह रहे हैं, उनसे ही पूछा जाना चाहिए. उनसे कह दीजिए कि हम से बात कर लें. वह तो दो तीन बार पार्टी छोड़कर गए हैं और फिर आए हैं. उनकी क्या इच्छा है, हमको तो नहीं मालूम है.

- इसके बाद उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि हाल के दिनों में नीतीश कुमार कमजोर हुए हैं. इससे जदयू कमजोर हो रही है. राजद में कुछ लोग नीतीश कुमार को कमजोर करने की साजिश रच रहे हैं. राजनीतिक रूप से जब जब नीतीश कुमार कमजोर हुए हैं, हमने उनको सहयोग करने का काम किया. आज कुछ लोग उपेंद्र कुशवाहा को गाली दे रहे हैं, लेकिन इससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता. 

- सीएम नीतीश कुमार कुशवाहा के आरोपों का खंडन किया. उन्होंने कहा- हमारी पार्टी कमजोर नहीं हुई है. ये झूठे आरोप हैं. लोगों को जो कहना है, कहने दो. हमारी पार्टी का कोई भी व्यक्ति किसी अन्य पार्टी के संपर्क में नहीं है. उन्होंने कहा- मैंने किसी को नहीं रोका. नेता अपनी इच्छा से आ और जा सकते हैं.

Advertisement

- इस तनातनी के बीच उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार को अपना बड़ा भाई कह दिया. उन्होंने कहा कि वो अपना हिस्सा छोड़कर नहीं जाएंगे. उपेंद्र कुशवाहा ने ट्वीट किया, 'बड़ा अच्छा कहा भाई साहब आपने...! ऐसे बड़े भाई के कहने से छोटा भाई घर छोड़कर जाने लगे तब तो हर बड़का भाई अपने छोटका को घर से भगाकर बाप-दादा की पूरी संपत्ति अकेले हड़प ले.' इसके आगे उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि ऐसे कैसे चले जाएं अपना हिस्सा छोड़कर....?

- जेडीयू में हिस्सेदारी वाले बयान पर अब नीतीश कुमार ने कहा है कि इन सब बातों का कोई मतलब नहीं है. अगर कोई बात है तो हमसे कहें. इसके अलावा नीतीश ने दो टूक कहा कि उन्हें जेडीयू में रहना है तो रहें, जाना हो तो भी बहुत अच्छा है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement