
बिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र का आज अंतिम दिन है. सदन की कार्यवाही शुरू होते ही जीतनराम मांझी को लेकर दिए गए सीएम नीतीश कुमार के बयान को लेकर हंगामा शुरू हो गया. इसके बाद पहले जेडीयू विधायकों ने पीएम मोदी को लेकर हंगामा शुरू कर दिया. बाद में सदन की कार्यवाही 2 बजे तक स्थगित कर दी गई.
इसके बाद मीडिया से बात करते हुए जीतनराम मांझी ने कहा, 'गुस्से में नीतीश जी बोले. मैं 80 साल का हूं .. वो 74 साल के हैं .. 1980 में मैं विधायक बना.. 1985 में वो विधायक बने .. उनको तू तड़ाक करके बात नहीं करना चाहिए था.. सीएम को खाने में विषैला खाना खिलाया जा रहा है .. जिसका कारण है कुछ दिनों से पता नहीं क्या क्या बोल रहे हैं .. उनका संस्कार गिर गया है..'
जमकर हुआ हंगामा
इससे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जीतन राम मांझी को लेकर दिए बयान की वजह से मांझी और एनडीए के विधायकों ने स्पीकर के कक्ष के बाहर धरना प्रदर्शन किया. बीजेपी विधायकों ने बिहार के मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग की.
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही सत्तापक्ष और विपक्ष, दोनों ही तरफ से हंगामा होना शुरू हो गया. दोनों पक्ष वेल की तरफ बढ़े और विपक्ष ने वहां पर कब्जा कर लिया. इसके बाद स्पीकर ने मार्शल्स को प्ले कार्ड लेने के लिए कहा. इस दौरान सीएम नीतीश कुमार भी मौजूद रहे और हंगामा बढ़ता देखते नीतीश कुमार सदन से निकलकर विधानसभा स्थित अपने चैंबर में चले गए.
सीएम पर भड़के मांझी
इसके बाद मीडिया से बात करते हुए जीतन राम मांझी ने कहा, "विधानसभा के अभिरक्षक अध्यक्ष हुआ करते हैं... इस बात का दुख है कि सदन के अध्यक्ष (अवध बिहारी चौधरी) सत्ता पक्ष के पक्ष में अपना सारा निर्णय दे रहे हैं, जो इस संविधान और जनतंत्र के लिए घातक है. मुख्यमंत्री(नीतीश कुमार) तो दोषी हैं ही लेकिन हमारे अध्यक्ष भी उनसे कम दोषी नहीं हैं... "
इससे पहले गुरुवार को बिहार विधानसभा में जातिगत सर्वे और आरक्षण का दायरा बढ़ाने पर चर्चा हुई. इस दौरान सीएम नीतीश कुमार और पूर्व सीएम जीतन राम मांझी के बीच तीखी बहस देखने को मिली.सीएम नीतीश ने यह तक कह दिया कि मांझी उनकी (नीतीश) की मूर्खता से सीएम बने. बता दें कि चर्चा के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा था कि हम नहीं मानते कि बिहार की जातिगत जनगणना सही हुई है. अगर आंकड़े गलत हैं तो सही लोगों तक लाभ नहीं पहुंचेगा.
क्या कहा नीतीश ने
जीतनराम मांझी पर भड़कते हुए नीतीश कुमार ने कहा, 'इस आदमी (मांझी) को कोई आइडिया है. इसको हमने मुख्यमंत्री बना दिया था. दो महीने के अंदर ही मेरी पार्टी के लोग कहने लगे इसको हटाइए. ये गड़बड़ है. फिर हम मुख्यमंत्री बने थे. कहता रहता है, ये मुख्यमंत्री था... ये क्या मुख्यमंत्री था. ये मेरी मूर्खता से सीएम बना.ये (मांझी) गवर्नर बनना चाहता है.' इसके बाद सीएम ने बीजेपी के विधायकों की तरफ इशारा करते हुए कहा- इसको राज्यपाल बना दीजिए.
इस मामले पर मांझी का बयान भी आया है. उन्होंने कहा, 'नीतीश कुमार अगर आपको लगता है कि आपने मुझे मुख्यमंत्री बनाया तो यह आपकी भूल है. जब जदयू विधायकों ने लतियाना शुरू किया तो उसके डर से आप कुर्सी छोड़कर भाग गए थे. आप एक दलित पर ही वार कर सकतें है, औकात है तो ललन सिंह के खिलाफ बोलकर दिखाएं जो आपका ऑपरेशन कर रहें थे.'
मुख्यमंत्री के बयान पर बवाल
आपको बता दें कि इन दिनों नीतीश कुमार के एक बयान को लेकर पूरे देश में उनकी आलोचना हो रही है. नीतीश कुमार ने मंगलवार को बिहार में जाति आधारित जनगणना की रिपोर्ट पर अपना संबोधन दिया. इसी दौरान उन्होंने जनसंख्या नियंत्रण और महिलाओं की पढ़ाई को लेकर कुछ ऐसा कह दिया जिसपर विवाद छिड़ गया है. नीतीश ने महिलाओं के बीच सेक्स एजुकेशन को लेकर जो बयान दिया उस पर काफी विवाद हुआ जिसके बाद उन्हें माफी मांगनी पड़ी. बिहार बीजेपी ने ट्वीट कर नीतीश कुमार को 'अश्लील नेता' बता दिया.