
बिहार में भारी बारिश के बाद मौसम विभाग ने 14 जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है. जिन जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है उनमें सुपौल, अररिया, किशनगंज, बांका, समस्तीपुर, मधेपुरा, सहरसा, पूर्णिया, दरभंगा, भागलपुर, खगड़िया, कटिहार, वैशाली और मुंगेर शामिल हैं.
वहीं, रविवार के लिए ऑरेंज अलर्ट भी जारी हुआ है जिसमें प्रभावित हो सकने वाले जिलों में शिवहर, सीतामढ़ी, सारण, बेगूसराय, भोजपुर, बक्सर, जमुई, मधुबनी और मुजफ्फरपुर के लिए जारी किया गया है. जबकि पटना, गोपालगंज, शेखपुरा, चंपारण, सीवान समेत बिहार के कई जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है.
अस्पताल में घुसा पानी, स्कूल-कोचिंग बंद
बारिश से पटना सहित राज्य के अधिकांश हिस्सों में जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. राजधानी पटना की सभी सड़कें जलमग्न हो गई हैं. पटना के नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एनएमसीएच) में पानी घुस गया है, जिससे मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
भारी बारिश की संभावना को देखते हुए पटना सहित राज्य के अधिकांश जिलों में स्कूलों और कोचिंग संस्थानों को बंद कर दिया गया है. पटना की कई सड़कों पर दो से चार फीट तक पानी बह रहा है. सांसद राजीव प्रताप रूड़ी और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के पटना स्थित आवास में भी पानी घुस गया है.
पटना के जिलाधिकारी कुमार रवि ने बताया कि अत्याधिक बारिश होने के कारण प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य चलाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि दो दिनों तक राज्य के सभी स्कूलों और कोचिंग संस्थानों को बंद कर दिया गया है.
24 घंटे में पटना में 98 एमएम बारिश
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस बारिश ने नगर निगम और राज्य सरकार की तैयारियों की पोल-खोल दी है. लोग कहते हैं कि क्या यही सुशासन है. मौसम विभाग के मुताबिक पिछले 24 घंटे के दौरान पटना में 98 मिलीमीटर, भागलपुर में 134 मिलीमीटर और गया में 73 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है.
विपक्ष ने साधा निशाना
इधर, विपक्ष अब इस स्थिति को लेकर सरकार पर निशाना साध रहा है. राजद नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा, 'नीतीश कुमार के अथक सुशासनी प्रयास से कथित स्मार्ट सिटी पटना के 80 फीसदी घरों में बारिश और नालों का गंदा पानी घुस चुका है. सभी जन व्यवस्थाएं ध्वस्त हैं. 15 साल से ड्रेनेज प्रोजेक्ट के नाम पर सुशासनी बाबुओं ने अरबों करोड़ रुपये डकार लिए.'
तेजस्वी ने कहा, 'हर बारिश में पटना डूब जाता है. सभी स्कूल, कॉलेज और अस्पतालों में मछलियां तैरने लग जाती हैं और आदतन माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके बड़बोले मंत्रीगण जवाबदेही लेने की बजाय चमकी बुखार, बाढ़, सुखाड़ और जलजमाव के लिए चूहों या प्रकृति को दोषी ठहराने में व्यस्त हो जाते हैं.'
इधर, पूर्व सांसद और जन अधिकार पार्टी के प्रमुख पप्पू यादव ने कहा कि बिहार सरकार लोगों पर जुल्म को ही अपना परम उद्देश्य मानती है. राजधानी में भी लोगों को जीने का मौलिक अधिकार नहीं दे सकती है. उन्होंने कहा कि भीषण बारिश की संभावना के बावजूद ट्रैफिक के काले कानून के जरिए आम लोगों को लूटने में लगे शासन-प्रशासन का नतीजा है यह आपदा.
बिहार के अधिकांश क्षेत्रों में गुरुवार की रात से लगातार हो रही बारिश तथा कुछ क्षेत्रों में गंगा के उफान के कारण ट्रेनों की रफ्तार धीमी पड़ गई है. समस्तीपुर-दरभंगा रेलमार्ग पर किशनपुर-रामभद्रपुर के मध्य जमीन धंसने के कारण ट्रेनों का परिचालन रद्द कर दिया गया है, जबकि अन्य मागरें पर भी परेशानी आने से ट्रेनों के परिचालन बाधित हुआ है.
जबकि सोनपुर मंडल के कर्पूरीग्राम स्टेशन पर भारी बारिश के कारण ट्रैक पर पानी जमा हो जाने के कारण आधी रात से डाउनलाइन के होम सिगनल फेल हो गए हैं, जिससे कई ट्रेनें प्रभावित हुई हैं. पटना से खुलनेवाली कई ट्रेनों के परिचालन में आंशिक बदलाव किए गए हैं.
बिहार सरकार के जलसंसाधन विभाग के एक अधिकारी ने शनिवार को बताया कि गंगा, कमला बलान, बागमती नदियां कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. इस बीच बारिश ने स्थिति और बिगाड़ दी है.
उन्होंने कहा कि गंगा नदी पटना के विभिन्न क्षेत्रों सहित मुंगेर और भागलपुर में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जबकि बागमती नदी सीतामढ़ी के ढेंग और डूबाधार में तथा मुजफ्फरपुर के बेनीबाद में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. कमला बलान भी उफान पर है. कमला बलान खगड़िया और मधुबनी में खतरे के लाल निशान के ऊपर बह रही है.