Advertisement

बिहार में इन 2 गांवों की महिलाएं आखिर क्यों करती हैं रेलवे ट्रैक की पूजा?

आपने अक्सर सुना होगा कि महिलाएं मंदिरों में जाकर भगवान की पूजा अर्चना करती है मगर रेलवे ट्रैक पर जाकर ट्रैक की पूजा करते हुए शायद ही सुना हो. मगर यह सच है.

रेलवे ट्रैक की पुजा करती महिलाएं रेलवे ट्रैक की पुजा करती महिलाएं
रोहित कुमार सिंह
  • पटना,
  • 17 अप्रैल 2017,
  • अपडेटेड 1:41 PM IST

आपने अक्सर सुना होगा कि महिलाएं मंदिरों में जाकर भगवान की पूजा अर्चना करती है मगर रेलवे ट्रैक पर जाकर ट्रैक की पूजा करते हुए शायद ही सुना हो. मगर यह सच है.

पटना से महज 55 किलोमीटर दूर अथमलगोला इलाके में मिल्कीचक और सरवरपुर नाम का दो गांव है. वैसे तो यह दोनों गांव एक दूसरे के आमने सामने है मगर इन दोनों गांव के बीच से पटना - कोलकाता मेन लाइन की रेल की पटरी गुजरती है. इन दोनों गांव की महिलाएं रोजाना पास के मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए जाती है और वापसी में नियमित तौर पर इस रेल पटरी पर आती है और दोबारा पूजा-अर्चना करती हैं. सवाल यह उठता है कि आखिर ऐसा करने की वजह क्या है ?

Advertisement

कई साल पहले इस दोनों गांव के बीच से गुजरने वाली रेलवे की पटरी पर एक गेट हुआ करता था जिसकी संख्या नंबर 58 थी. इस लाइन पर जब भी रेल गुजरा करती थी तो यह गेट बंद कर दिया जाता था ताकि कोई घटना ना हो जाए. मगर धीरे धीरे इस गेट की हालत जर्जर हो गई और आज की तारीख में वहां पर गेट के नाम पर कुछ भी नहीं है, यानी कि इन दोनों गांव के बीच में बिना गेट के मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग है.

इन दोनों गांव के लोग रोजाना अपने काम के लिए रेलवे ट्रैक पार किया करते हैं. रोजाना स्कूली बच्चे भी इसी रेलवे ट्रैक को पार करके पास के स्कूल जाया करते हैं. इसी कारण साल में लगभग आधा दर्जन लोगों की रेल की चपेट में आ जाने से मौत हो जाती है. इस रेलवे क्रॉसिंग पर गेट लगाने के लिए कई बार दोनों गांव के लोगों ने रेल के अधिकारियों से शिकायत की. यही नहीं, बिहार सरकार के मंत्रियों से भी गुहार लगाई, धरना प्रदर्शन किया और अनशन भी मगर उन्हें कुछ भी हासिल नहीं हुआ.

Advertisement

प्रशासन से किसी प्रकार की मदद नहीं मिलने के बाद आखिर थक हार कर लोगों को लगा कि उन्हें अब सिर्फ भगवान का ही सहारा है और इसी वजह से गांव की महिलाएं अपने परिवार और बच्चों की कुशलता के लिए रोजाना इस रेलवे ट्रैक की पूजा-अर्चना करती है ताकि कोई अप्रिय घटना ना हो जाए.

गौरतलब है कि 2014 में, नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार देश में 2547 रेलवे क्रॉसिंग पर दुर्घटना हुई जिसमें 2575 लोगों की जान चली गई. बिहार के इन दोनों गांव के लोगों ने सरकारी उदासीनता से थक हार कर अब भगवान के शरण में चले गए हैं और उन्हें उम्मीद है कि अब भगवान ही उनकी मदद कर सकते हैं.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement