
बिहार के छपरा में कथित जहरीली शराब कांड में मरने वालों की संख्या बढ़कर 9 हो गई है. पटना और छपरा के अलग-अलग अस्पतालों में इलाज करा रहे दो और लोगों ने रात में दम तोड़ दिया जिससे जहरीली शराब से मरने वालों का यह आंकड़ा बढ़ गया है.
छपरा के मकेर थाना अंतर्गत नोनिया टोला गांव के तीन दर्जन से अधिक लोगों ने मंगलवार को गांव में चल रहे नाग पंचमी के पूजा के अवसर पर कथित तौर पर नकली शराब का सेवन किया था.
55 साल के कमल महतो ने गंवाई जान
कमल महतो (उम्र- 55 साल) ने कथित तौर पर नकली शराब पीने के बाद अपनी जान गंवा दी, उनकी पत्नी और चार बेटियों सहित 6 बच्चे हैं. कमल महतो दिहाड़ी का काम करते थे और उनकी मृत्यु के बाद से परिवार पूरी तरह से सदमे में है.
कमल महतो की बेटी रीमा ने आज तक से बात करते हुए कहा कि उनके पिता ने मंगलवार को नकली शराब पी थी जिसके बाद उनकी हालत बिगड़ने लगी. रीमा ने कहा कि उनके पिता ने पहले शरीर और सीने में दर्द की शिकायत की और बाद में कहा कि उनकी आंखों की रोशनी भी चली गई क्योंकि उन्हें कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था, इसके बाद उन्हें गुरुवार को पटना के अस्पताल ले जाया गया, लेकिन रास्ते में ही उनकी मृत्यु हो गई.
इलाज के दौरान झनी महतो की मौत
नोनिया टोला गांव की रहने वाली झनी महतो (उम्र- 52 साल) की भी कथित जहरीली शराब की घटना में मौत हो गई. उनके परिवार में पत्नी, बेटा और बहू हैं. उनकी पत्नी बदामी देवी ने आज तक से बात करते हुए पुष्टि की कि उनके पति ने नकली शराब का सेवन किया था, जिसे उन्होंने शराब तस्कर रामानंद मांझी से खरीदा था, जो गांव के बाहर लगभग 200 मीटर में एक अवैध शराब निर्माण इकाई चलाता है.
उसने कहा कि पति के मिलावटी शराब पीने के बाद उनकी हालत बिगड़ने लगी और पटना के पटना मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई.
कौन हैं रामानंद मांझी ?
कथित तौर पर मिलावटी शराब का सेवन करने वाले तीन दर्जन से अधिक लोगों ने, जिनमें से नौ की जान चली गई थी, उन्होंने रामानंद मांझी से शराब खरीदी थी, जो नोनिया टोला गांव के बाहर लगभग 200 मीटर की दूरी पर एक अवैध शराब निर्माण इकाई चलाता है.
शराबकांड के बाद, स्थानीय लोगों ने छपरा रोड को जाम कर दिया और शराब माफिया के साथ कथित गठजोड़ के लिए पुलिस और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की.
स्थानीय लोगों का आरोप है कि स्थानीय पुलिस की मिलीभगत से रामानंद मांझी पिछले कुछ सालों से उस इलाके में अवैध शराब निर्माण इकाई चला रहा था.
स्थानीय लोगों ने शिकायत की थी कि पुलिस को अवैध निर्माण इकाई के बारे में पता था लेकिन इसे रोकने की कभी जहमत नहीं उठाई. गुरुवार की देर रात पुलिस ने उसके परिसरों में छापा मारा और मिलावटी शराब बनाने में प्रयुक्त सामग्री बरामद की.
रामानंद मांझी के खिलाफ पुलिस की निष्क्रियता पर अब सवाल उठ रहे हैं. जहरीली शराब बेचने के आरोपी रामानंद मांझी के परिसर के बाहर एक बोर्ड है जिस पर लिखा था, "यहां पर एक से एक दारू मिलती है, रामानंद मांझी". घटना के बाद से रामानंद मांझी फरार है और पुलिस उसे और उसके दो अन्य साथियों को पकड़ने की कोशिश कर रही है.