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छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सलियों से मुठभेड़ में दो कोबरा कमांडो घायल

छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सलियों से मुठभेड़ के दौरान कोबरा कमांडो यूनिट के दो जवान घायल हो गए. दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां उनकी हालत स्थिर है. सीआरपीएफ की 241वीं बटालियन ने गोमगुड़ा के पास चिंतलनार पुलिस स्टेशन क्षेत्र में यह फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस स्थापित किया था जहां नक्सलियों ने हमला कर दिया. इसके बाद सुरक्षाबलों ने उन्हें मुंहतोड़ जवाब दिया.

नक्सली हमले में दो कोबरा कमांडो घायल (सांकेतिक तस्वीर) नक्सली हमले में दो कोबरा कमांडो घायल (सांकेतिक तस्वीर)
aajtak.in
  • सुकमा,
  • 23 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 11:45 PM IST

छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के घने जंगलों में नक्सलियों के साथ मुठभेड़ के दौरान केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के दो कोबरा कमांडो घायल हो गए. यह मुठभेड़ गोमगुड़ा में स्थापित फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस (FOB) के पास हुई.

न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक रविवार को सीआरपीएफ की 241वीं बटालियन ने गोमगुड़ा के पास चिंतलनार पुलिस स्टेशन क्षेत्र में यह फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस स्थापित किया था. सोमवार को इस क्षेत्र में नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड़ में कोबरा बटालियन नंबर 206 के दो जवान घायल हो गए.

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अधिकारियों के अनुसार, दोनों घायल जवानों को पास के मेडिकल सेंटर में भर्ती कराया गया है और उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है. सीआरपीएफ दक्षिण बस्तर क्षेत्र के घने और दुर्गम जंगलों में नक्सलियों के प्रभाव को खत्म करने के लिए लगातार फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस स्थापित कर रही है.

पिछले दो सालों में छत्तीसगढ़ में 40 से अधिक ऐसे बेस स्थापित किए गए हैं. ये बेस सुरक्षा बलों को नक्सलियों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई के लिए रणनीतिक बढ़त प्रदान करते हैं.

अधिकारियों ने बताया कि सीआरपीएफ के जवानों ने मुठभेड़ के दौरान नक्सलियों को मुंहतोड़ जवाब दिया. घायल कमांडो कोबरा यूनिट के सदस्य हैं, जो विशेष रूप से जंगलों में लड़ाई के लिए प्रशिक्षित होती है. केंद्र सरकार ने देश से नक्सलवाद को खत्म करने का लक्ष्य मार्च 2026 तक निर्धारित किया है. सीआरपीएफ और अन्य सुरक्षा बल इस दिशा में लगातार काम कर रहे हैं.

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सुकमा जिला नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में से एक है, जहां आए दिन सुरक्षा बल और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ की घटनाएं होती रहती हैं. सुरक्षा बलों की बढ़ती गतिविधियों के कारण नक्सलियों का प्रभाव धीरे-धीरे कम हो रहा है.

 

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