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अगस्ता वेस्टलैंड पर SC ने मांगा नया हलफनामा, छत्तीसगढ़ सरकार में गहमा-गहमी

नए शपथ पत्र में छत्तीसगढ़ सरकार को इस हेलीकॉप्टर की खरीदी की प्रक्रिया के बारे में सिलसिलेवार जानकारी देनी होगी. गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
दिनेश अग्रहरि/सुनील नामदेव
  • रायपुर,
  • 24 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 8:05 PM IST

अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर खरीदी में छत्तीसगढ़ सरकार के जवाब से सुप्रीम कोर्ट संतुष्ट नहीं है. कोर्ट ने राज्य सरकार से फिर से शपथ पत्र मांगा है. नए शपथ पत्र में छत्तीसगढ़ सरकार को इस हेलीकॉप्टर की खरीदी की प्रक्रिया के बारे में सिलसिलेवार जानकारी देनी होगी. गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई.

इस दौरान छत्तीसगढ़ सरकार ने शपथ पत्र देते हुए अदालत को बताया कि उन्होंने कई खूबियों वाला बेहतर हेलीकॉप्टर ख़रीदा है. इस पर अदालत ने कहा कि मामला सबसे बेहतर हेलीकॉप्टर की खरीदी का नहीं, बल्कि उसकी खरीदी में हुई गड़बड़ी का है. अदालत ने राज्य सरकार को खरीदी प्रक्रिया संबंधी नया शपथ पत्र पेश करने के लिए कहा है. अब इस नए शपथ पत्र को लेकर सचिवालय में माथापच्ची शुरू हो गई है. आलाअफसर आलमारियों में कैद फाइलों को फिर से खंगालने में जुटे है.

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सुप्रीम कोर्ट अब इस बात को परखेगा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने अगुस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर की खरीद में कोई अनियमितता तो नहीं बरती है. इसकी खरीदी सम्बन्धी प्रक्रिया को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से कुछ सवाल भी पूछे है. साथ ही राज्य सरकार को कोर्ट ने भरोसा दिया कि सब ठीक मिले तो केस बंद कर देंगे.  मामले की अगली सुनवाई 18 जनवरी को होगी.

राज्य की बीजेपी सरकार ने 2006-07 में अगस्ता वेस्टलैंड से हेलीकॉप्टर ख़रीदा था. RTI कार्यकर्ताओं और कांग्रेस ने हेलीकॉप्टर खरीदी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था. खासतौर पर इस हेलीकॉप्टर की खरीदी में बिचौलियों की भूमिका और बाजार भाव से अधिक रकम की अदायगी को लेकर मुख्यमंत्री रमन सिंह को घेरा गया था. 

हेलीकॉप्टर के खरीद के लिए अनियमितताओं की जांच के लिए एनजीओ स्वराज अभियान के राकेश चौबे और कांग्रेस नेता टी.एस. सिंहदेव ने याचिका दाखिल कर रखी है. दूसरी ओर याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश एडवोकेट प्रशांत भूषण ने कहा कि आरटीआई के तहत मिले दस्तावेज दिखाते है कि भले ही बेल हेलीकॉप्टर को बोली से वंचित रखा हो, लेकिन सरकार अब भी बेल हेलीकॉप्टर किराए पर ले रही है.

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वहीं, राज्य सरकार की तरफ से पेश सीनियर एडवोकेट महेश जेठमलानी और हरीश साल्वे ने कहा कि खरीदी में कोई गड़बड़ी नहीं हुई. हरीश साल्वे ने मांग की है कि याचिकाकर्ता को सौपा गया रिकॉर्ड मिडिया में नहीं आना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान जस्टिस ए.के. गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि वह हेलीकॉप्टर की पसंद पर सवाल नहीं उठा रहे है, लेकिन जानना चाहते है कि  इसके पीछे को बाहरी कारण तो नहीं है.

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