
छत्तीसगढ़ में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं. सत्ता के शीर्ष पर पहुंचने के लिए राजनैतिक पार्टियां पूरे दमखम के साथ चुनावी रणनीति तैयार करने में जुट गई हैं. बीजेपी ने छत्तीसगढ़ के लिए रोडमैप बनाना शुरू कर दिया है. इसकी कमान संभाली है गृहमंत्री अमित शाह ने.
अमित शाह ने 5 जुलाई और 6 जुलाई को छत्तीसगढ़ में प्रदेश संगठन की बैठक की थी. सूत्रों के अनुसार पार्टी विधानसभा चुनाव में बिना मुख्यमंत्री के चेहरे के ही मैदान में उतरेगी. हालांकि सूबे का चुनाव पार्टी के सबसे चेहरे पीएम मोदी और छत्तीसगढ़ में सामूहिक नेतृत्व में लड़ा जाएगा. दरअसल पार्टी अलाकमान ने पार्टी में गुटबाज़ी को थामने के लिए किसी एक नेता की बजाए सामूहिक नेतृत्व पर ही दांव लगाना बेहतर समझा है.
छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव में अब 4 महीने से भी कम समय बचा है. इसलिए पार्टी हाईकमान ने प्रदेश संगठन और नेताओं के नटबोल्ट टाइट करना शुरू कर दिया हैं. बीजेपी के सूत्रों के अनुसार छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल की कांग्रेस सरकार को विधानसभा चुनाव में हराने के लिए और सामूहिक नेतृत्व में पार्टी को एकजुट रखकर चुनाव लड़ाने की कमान खुद अमित शाह ने संभाल ली है.
अमित शाह का एक महीने में 2 बार CG का दौरा
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के तहत गृह मंत्री अमित शाह खुद एक महीने में 2 बार छत्तीसगढ़ के दौरे कर चुके हैं. 7 जुलाई को पीएम मोदी ने छत्तीसगढ़ में सरकारी कार्यक्रम के लिए दौरा किया था. प्रधानमंत्री के इस दौरे से पहले अमित शाह ने छत्तीसगढ़ जाकर पार्टी के नेताओं के साथ देर रात तक कई घंटे बैठक की थी. बैठक के दौरान उन्होंने राज्य में चुनावी फीडबैक के आधार पर रणनीति की समीक्षा की.
2 दर्जन से ज्यादा केंद्रीय मंत्री जाएंगे छत्तीसगढ़
पीएम मोदी और अमित शाह के अलावा गिरिराज सिंह, मनसुख मंडाविया,अर्जुन मुंडा, फग्गनसिंह कुलस्ते समेत केंद्र सरकार के कई मंत्री पिछले एक महीने में छत्तीसगढ़ का दौरा कर चुके हैं. इतना ही नहीं, आने वाले दिनों में लगभग 2 दर्जन से भी ज़्यादा केंद्रीय मंत्री छत्तीसगढ़ का दौरा करने वाले हैं. पार्टी सूत्रों की मानें तो पीएम मोदी और गृहमंत्री चुनाव से पहले महीने में 2 बार छत्तीसगढ़ के किसी ना किसी कार्यक्रम में शामिल होंगे.
बीजेपी की पिच पर बघेल कर रहे बैटिंग
छत्तीसगढ़ में बीजेपी आलाकमान भूपेश बघेल को हल्के में नहीं ले रही है. लिहाजा पहली बार कांग्रेस का कोई मुख्यमंत्री बीजेपी की पिच पर आकर बैटिंग कर रहा है, यानी हिंदुत्व की राजनीति कर रहा है. यही कारण है कि भूपेश बघेल बीजेपी के सामने परेशानी का सबब बन गए हैं.
बघेल सरकार को घेरने के लिए बीजेपी की प्लानिंग!
बीजेपी भूपेश बघेल की हिंदुत्व वाली छवि की काट के लिए देश की राजनीति में हिंदुत्व के सबसे बड़े चेहरे पीएम मोदी को आगे करना चाहती है. इतना ही नहीं बीजेपी भूपेश बघेल को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर घेरेगी. इसके साथ ही बीजेपी बस्तर, बिलासपुर, दंतेवाड़ा और रायपुर जैसे आदिवासी बहुल क्षेत्रों में धर्मांतरण के मुद्दे को भी उठाकर भूपेश बघेल सरकार को घेरने की रणनीति बना रही है.
ओम माथुर और मंडाविया पर भरोसे की ये है वजह
छत्तीसगढ़ में 2018 की हार को पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह भुला नहीं पाए हैं. इसलिए गुजरात चुनाव में प्रभारी रहे ओम माथुर को छत्तीसगढ़ का चुनाव प्रभारी और गुजरात में संगठन में लंबे समय तक काम कर चुके मनसुख मंडाविया को सह चुनाव प्रभारी की ज़िम्मेदारी दी गई है. इसमें किसी को भी कोई शक नहीं है कि पार्टी के सामने इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी चुनौती छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल से पार पाना है.