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स्कूली बच्चों के ऑटो के साथ हादसा, सवालों के घेरे में ट्रैफिक पुलिस

रायपुर शहर में स्कूली बच्चों से भरा एक ऑटो रिक्शा आनंद नगर इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गया. हादसे का शिकार होते ही स्कूली बच्चों की चीख पुकार मची. राहगीर तुरंत उस ओर दौड़े और उन्होंने ऑटो के नीचे दबे एक के बाद एक कुल ग्यारह बच्चों को निकाला.

दुर्घटनाग्रस्त ऑटो रिक्शा दुर्घटनाग्रस्त ऑटो रिक्शा
सुनील नामदेव
  • रायपुर,
  • 10 अप्रैल 2018,
  • अपडेटेड 6:15 PM IST

छत्तीसगढ़ के रायपुर शहर में स्कूली बच्चों से भरा एक ऑटो रिक्शा आनंद नगर इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गया. हादसे का शिकार होते ही स्कूली बच्चों की चीख पुकार मची. राहगीर तुरंत उस ओर दौड़े और उन्होंने ऑटो के नीचे दबे एक के बाद एक कुल ग्यारह बच्चों को निकाला.

जानकारी के मुताबिक, दुर्घटनाग्रस्त ऑटो को एक अज्ञात वाहन चालक ने टककर मारी थी. जैसे ही उसने अनियंत्रित ऑटो को गिरते देखा वह फौरन मौके से भाग निकला. फिलहाल इस वाहन चालक की खोजबीन जारी है.

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बता दें कि दुर्घटनाग्रस्त ऑटो में मात्र तीन यात्रियों के बैठने की सुविधा है और केवल तीन ही यात्रियों को एक समय में परिवहन विभाग से बैठने की अनुमति प्राप्त है. बावजूद इसके इस ऑटो में कुल ग्यारह स्कूली बच्चे सवार थे. ये सभी छात्र होलीक्रॉस कांपा स्कूल के है.

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यह बच्चे स्कूल से छुट्टी होने के बाद अपने घरों की ओर लौट रहे थे. हादसे का शिकार हुए बच्चों के बारे में स्कूल प्रशासन बेखबर है. इस समय सवाल यह है कि स्कूल प्रशासन ने ऑटो रिक्शे में इतने अधिक छात्रों को बैठने की अनुमति आखिर क्यों दी? इस बारे में स्कूल प्रशासन ने चुप्पी साधी हुई है.

गौरतलब है कि शिक्षा विभाग के नियमों के मुताबिक प्राइवेट स्कूलों के छात्रों को उनके घर से सुरक्षित स्कूल लाने और वापिस घर पहुंचाने की जिम्मेदारी संबंधित स्कूल प्रशासन की है. इसके लिए वो छात्रों से परिवहन शुल्क के नाम पर मोटी रकम भी वसूलते है.

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यह घटना मंगलवार दोपहर की बताई जा रही है. राहगीर यदि फुर्ती नहीं दिखाते तो गंभीर हादसा हो सकता था. ऑटो रिक्शे के नीचे दबे छोटे बच्चों को जल्द निकाल लेने से उन्हें मामूली चोटें आई है. हादसे की चपेट में आने से बच्चों का रो-रो कर बुरा हाल था. सभी बच्चे रोते बिलखते हुए अपने मम्मी-पापा को पुकार रहे थे.

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राहगीरों ने घायल हुए सभी बच्चों को जल्द ही करीब के एक अस्पताल में पहुंचाने की कवायद शुरू की. इसी बीच सरकारी एम्बुलेंस सेवा से जुड़ी संजीवनी एक्सप्रेस पहुंच गई. इसमें सभी बच्चों को बैठाकर उन्हें सरकारी अस्पताल रवाना किया गया. बच्चों की हालत सामान्य होने पर उनके पास मौजूद आईकार्ड के जरिए डाक्टरों ने उनके परिजनों से संपर्क किया. हादसे के करीब एक डेढ़ घंटे बाद सभी बच्चों को उनके परिजनों को सौंपा गया.

हालांकि, पुलिस ने मौके पर पहुंचकर दुर्घटनाग्रस्त ऑटो चालक और टक्कर मारने वाले अज्ञात वाहन चालक दोनों के खिलाफ मोटर व्हीकल एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज किया है. लेकिन ट्रैफिक नियमों की धज्जियां उड़ते नजर आने के बावजूद पुलिस अपनी जिम्मेदारी को लेकर पल्ला झाड़ने से नहीं चूक रही है.

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ए.एस.पी ट्रैफिक रायपुर बलराम हिरवानी की दलील है कि बच्चों की सुरक्षा की जिम्मेदारी पालकों की भी है. उन्हें ध्यान देना चाहिए कि ऑटो या गाड़ी में कितने बच्चे सवार होकर स्कूल जा रहे है. उन्होंने कहा कि इस हादसे को लेकर पालकों की ओर से कोई शिकायत मिलेगी तो धाराएं और बढ़ाई जाएंगी. उनकी दलील कुछ हद तक जायज भी है. 

बहरहाल आमतौर पर ट्रैफिक नियमों और स्कूली बच्चों के लिए प्रभावशील मोटर व्हीकल एक्ट के नियमों की सड़कों पर धज्जियां उड़ते ट्रैफिक कर्मी रोजाना देखते है. यह उनकी भी जवाबदारी है कि वे ऐसे वाहनों पर अंकुश लगाए.

रायपुर शहर की गली-सड़कों में ट्रैफिक कर्मी नियमित रूप से हेलमेट की जांच ,वाहनों के दस्तावेज परखते और वसूली करते व्यस्त नजर आते है. कमोवेश ऐसे स्कूली वाहनों पर उनकी नजर जरूर पड़ती होगी. लेकिन ऐसे वाहन चालकों के खिलाफ वे कार्यवाही क्यों नहीं करते यह खोज का विषय है.

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