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दुर्ग में मां-बेटे को किया डिजिटल अरेस्ट मांगे 45 लाख, ठग बोले-अश्लील VIDEO अपलोड किए हो, SBI कर्मचारियों ने बचाए महिला के रुपये

छत्तीसगढ़ के भिलाई स्थित एसबीआई रिसाली ब्रांच में महिला कर्मचारियों की सूझबूझ से एक विधवा महिला 45 लाख रुपये की ठगी का शिकार होने से बच गई. साइबर ठगों ने महिला को वीडियो कॉल के जरिए डिजिटल अरेस्ट का डर दिखाया था. बैंक कर्मचारियों ने समय रहते महिला को सतर्क किया और उसकी जीवनभर की जमापूंजी बचा ली.

बैंककर्मी की सूझबूझ से ठगे जाने से बची महिला बैंककर्मी की सूझबूझ से ठगे जाने से बची महिला
रघुनंदन पंडा
  • भिलाई,
  • 25 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 12:38 PM IST

छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के भिलाई में एसबीआई रिसाली ब्रांच के महिला कर्मचारियों ने एक विधवा महिला को साइबर ठगों के झांसे से बचाकर उसकी 45 लाख रुपये की जमापूंजी को सुरक्षित रखा. 

दरअसल, रिसाली क्षेत्र की एक विधवा महिला और उसके 22 वर्षीय बेटे को सुबह 6 बजे साइबर ठगों ने वीडियो कॉल कर खुद को साइबर क्राइम अधिकारी बताया. ठगों ने महिला पर अश्लील फोटो-वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट करने, मनी लॉन्ड्रिंग में संलिप्त होने और मुंबई क्राइम ब्रांच में मामला दर्ज होने की बात कही. उन्होंने महिला को फर्जी गिरफ्तारी वारंट और आईडी कार्ड व्हाट्सएप किए और लाखों रुपये अपने खाते में ट्रांसफर करने को कहा.

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डिजिटल अरेस्ट महिला को बैंक कर्मियों ने बचाया 

डर के मारे महिला सीधे एसबीआई रिसाली ब्रांच पहुंची और अपनी 35 लाख रुपये की एफडी तोड़ने की औपचारिकता पूरी करने लगी. महिला की घबराहट और किसी से वीडियो कॉल पर लगातार बात करते देख बैंक की ग्राहक सेवा अधिकारी विनीता साहू को शक हुआ. उन्होंने तुरंत सहायक प्रबंधक चंदा यादव और ब्रांच मैनेजर विनीत नायर को सूचना दी.

बैंक के अधिकारियों ने महिला को काउंसलिंग के जरिए भरोसा दिलाया कि उसके साथ फ्रॉड हो रहा है. उन्होंने महिला को 2-3 घंटे तक रोका और पूरी स्थिति को समझाया. बड़ी मुश्किल से महिला को समझ आया और पैसे ट्रांसफर करने से मना कर दिया. महिला कर्मचारियों की सतर्कता और सूझबूझ के लिए बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों ने कर्मचारियों का सम्मान किया और उन्हें पुरस्कृत किया.

पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की

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एसबीआई रिसाली ब्रांच की शाखा प्रबंधक विनीत नायर ने कहा कि बड़ी राशि होने के कारण बैंक स्टाफ ने महिला से पूछताछ करने पर पता चला कि उससे और उनके बेटे को डिजिटल अरेस्ट कर उनके नाम पर फोटो युक्त वारंट भेज गया था. जिसमें अलग-अलग फर्जी अधिकारी से उनकी बात कराई गई. जिससे डरकर महिला पैसा ट्रांसफर करने आई थी. बैंक स्टाफ की सूझबूझ से महिला लाखों रुपए की ठगी से बच गई.

वहीं, पुसिस ने लोगों से अपील की है कि साइबर ठग आए दिन नए-नए तरीकों से आम जनता से धोखाधड़ी करने की कोशिश करते हैं. उन्हें बेहद सतर्क रहने की जरूत है, ऐसी किसी भी स्थिती में पुलिस की मदद लें. पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. 

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