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16 साल की रेप पीड़िता का होगा अबॉर्शन और भ्रूण का DNA टेस्ट, हाईकोर्ट ने दी अनुमति

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने 16 साल की प्रेग्नेंट रेप पीड़िता के अबॉर्शन की अनुमति दे दी है. हाईकोर्ट ने इसी के साथ भ्रूण का डीएनए टेस्ट और उसे सुरक्षित रखने को कहा है. इस मामले में रेप पीड़िता के पिता ने वकील के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर कर गुहार लगाई थी, जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने ये आदेश दिया है.

रेप पीड़िता के अबॉर्शन की दी अनुमति. रेप पीड़िता के अबॉर्शन की दी अनुमति.
मनीष शरण
  • बिलासपुर,
  • 02 जून 2023,
  • अपडेटेड 3:17 PM IST

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में हाईकोर्ट ने अपने महत्वपूर्ण आदेश में एक 16 साल की प्रेग्नेंट छात्रा का अबॉर्शन कराने अनुमति दी है. इस फैसले के साथ ही कोर्ट ने आरोपी को सजा मिले, इसके लिए भ्रूण का DNA test कराने और उसे सुरक्षित रखने को कहा है. हाईकोर्ट ने रेप पीड़िता के पिता की फरियाद पर गर्भपात कराने की अनुमति दी है.

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जानकारी के अनुसार, खैरागढ़, छुईखदान, गंडई जिले की दसवीं कक्षा में पढ़ने वाली रेप पीड़िता प्रेग्नेंट हो गई. उसके पिता ने टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी अधिनियम की धारा 3 और नियम 9 के तहत अपनी बेटी का अबॉर्शन कराने के लिए हाईकोर्ट में एडवोकेट समीर सिंह और रितेश वर्मा के माध्यम से याचिका दायर की. याचिका में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का हवाला देते हुए अबॉर्शन कराने की अनुमति मांगी.

बिलासपुर हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग से मांगी रिपोर्ट

नाबालिग छात्रा के साथ दुष्कर्म जैसे गंभीर और जघन्य अपराध होने के बाद हाईकोर्ट ने मामले को गंभीरता से लिया है. हाईकोर्ट ने मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी से नाबालिग रेप पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट मांगी है, ताकि समय रहते गर्भपात किए जाने की स्थिति को जाना जा सके. अक्सर इस तरह के मामलों में समय बीत जाने की वजह से गर्भपात में खतरा रहता है. 

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इस केस की पिछली सुनवाई के दौरान जस्टिस एनके व्यास ने राजनांदगांव के सीएमएचओ को मेडिकल बोर्ड से जांच कराने और रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा था. कोर्ट के आदेश पर छात्रा का मेडिकल बोर्ड ने मेडिकल किया और रिपोर्ट पेश की. मेडिकल रिपोर्ट में डॉक्टरों की टीम ने कोर्ट को बताया कि गर्भवती लड़की या महिला का अबॉर्शन 25 हफ्ते के भीतर किया जा सकता है. इससे खतरा नहीं रहता है.

DNA के लिए भ्रूण सुरक्षित रखने के निर्देश

मामले की सुनवाई जस्टिस राकेश मोहन पांडेय के वेकेशन कोर्ट में हुई. इस दौरान याचिकाकर्ता के एडवोकेट ने सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के आदेशों का हवाला दिया और मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर अबॉर्शन की अनुमति मांगी. सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने गर्भवती नाबालिग छात्रा का 2 जून यानी आज अबॉर्शन कराने का आदेश सीएमएचओ राजनांदगांव को दिया है, साथ ही उसके भ्रूण को डीएनए टेस्ट कराने के लिए सुरक्षित रखने का आदेश दिया.

बालाघाट के रहने वाले आरोपी ने दिया था घटना को अंजाम

दसवीं की छात्रा से मध्यप्रदेश के बालाघाट के खेम सिंह साहू ने पहले दोस्ती की, इसके बाद प्यार के झांसे में फंसाया. आरोपी ने छात्रा से शादी का वादा किया. बीते दिसंबर महीने में आरोपी छात्रा के गांव पहुंचा और उसे अपने साथ ले गया. छात्रा के लापता होने के बाद परिजनों ने थाने में केस दर्ज कराया. जांच के दौरान पुलिस को आरोपी की जानकारी मिली. पुलिस ने उसकी तलाश कर उसे गिरफ्तार कर लिया, साथ ही नाबालिग लड़की को परिजनों के हवाले कर दिया.

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लड़की के बयानों के आधार पर पुलिस ने की थी कार्रवाई

लड़की के बयानों से पता चला कि आरोपी ने उसके साथ दुष्कर्म किया. इसके बाद पुलिस ने अपहरण के साथ दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट के तहत कार्रवाई की. इसी बीच छात्रा प्रेग्नेंट हो गई. मामला सामने आने के बाद छात्रा के पिता ने हाईकोर्ट की शरण ली. हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए अबॉर्शन की अनुमति दी है.

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