
छत्तीसगढ़ के पूर्व गृहमंत्री और वर्तमान में राज्यसभा सदस्य रामविचार नेताम के बड़े भाई पूरनमासी नेताम कांग्रेस में शामिल हो गए हैं. बलरामपुर में आयोजित कांग्रेस के एक सम्मेलन में उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता ली.
पूरनमासी नेताम को कांग्रेस ने बड़ी ख़ुशी के साथ अपनी पार्टी में शामिल किया. इस मौके पर कांग्रेस के सभी बड़े नेता शामिल थे. इसमें राज्य सभा सदस्य छाया वर्मा, पार्टी उपाध्यक्ष करुणा शुक्ला और अध्यक्ष भूपेश बघेल ने उनका गर्मजोशी के साथ स्वागत किया.
बता दें कि रामविचार नेताम 2008 से लेकर 2013 तक मुख्यमंत्री रमन सिंह मंत्रिमंडल में गृहमंत्री थे. इसके बाद हाल ही में उन्हें राज्यसभा भेजा गया था. वो बीजेपी के आदिवासी सेल के प्रभारी भी हैं. लिहाजा उनके बड़े भाई का कांग्रेस का दामन थाम लेना एक तरह से बीजेपी के लिए अच्छी खबर नहीं है.
पूरनमासी नेताम ने कांग्रेस की सदस्य्ता लेने के बाद अपने भाई रामविचार नेताम की तीखी आलोचना की. उन्होंने कहा कि वो उनके व्यवहार से काफी दुखी हैं, क्योंकि उनका व्यवहार उनके प्रति कभी भी सम्मानपूर्वक नहीं रहा. पूरनमासी ने दावा किया कि यदि रामविचार नेताम को बीजेपी ने दोबारा टिकट दी तो वे फिर भी हारेंगे.
गौरतलब है कि रामविचार नेताम को पिछले विधानसभा चुनाव में बलरामपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी ने शिकस्त दी थी. इसके बाद वे लंबे समय तक गुमनामी के दौर में चले गए थे. हालांकि पिछले वर्ष फिर वे उस समय सुर्ख़ियों में आए जब उन्हें आदिवासी नेता होने के नाते पार्टी ने राज्य सभा का उम्मीदवार बनाया और उनकी जीत भी तय की.
वहीं अपने छोटे भाई पूरनमासी के कांग्रेस का दामन थाम लेने के मामले में राज्य सभा सदस्य रामविचार नेताम ने कोई प्रतिक्रिया जाहिर नहीं की है. उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि हर कोई व्यक्ति किसी भी पार्टी में शामिल होने के लिए स्वतंत्र है. बीजेपी प्रवक्ता श्रीचंद सुंदरानी ने उम्मीद जाहिर की है कि जल्द ही पूरनमासी का भी कांग्रेस से मोहभंग हो जाएगा. उन्होंने कहा की पूरनमासी सीधे-साधे व्यक्ति हैं. उनका राजनीति से दूर-दूर तक नाता नहीं रहा है. कांग्रेस ने उन्हें बहला-फुसला कर अपने खेमे में शामिल किया है.
छत्तीसगढ़ में इन दिनों आया राम-गया राम की राजनीति उफान पर है. खासतौर पर कांग्रेस और बीजेपी के कई पुराने चेहरे एक- दूसरी पार्टी में आवाजाही कर रहे हैं. हालांकि कई कार्यकर्ताओं और नेताओं की उनकी परंपरागत पार्टी में वापसी भी हो रही है. कांग्रेस ने अपने कार्यकताओं की सम्मानजनक अगवानी के लिए घर वापसी कार्यक्रम भी छेड़ा हुआ है. इसके तहत उन कांग्रेसियों को पुनः पार्टी की सदस्यता दिलाई जा रही है, जिन्होंने कभी किसी कारण से कांग्रेस से नाता तोड़ लिया था.
यही सिलसिला बीजेपी में चल रहा है. कई पुराने नेताओं और कार्यकर्ताओं से पार्टी ने संपर्क साधा है. ताकि उनकी फिर से वापसी हो सके. इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री अजित जोगी की जनता कांग्रेस से उनके नेताओ और पदाधिकारियों ने नाता तोड़ना शुरू कर दिया है. बिलासपुर की पूर्व मेयर वाणी राव और पूर्व विधायक डमरूधर साहू ने जोगी का साथ छोड़ फिर से कांग्रेस का दामन थाम लिया है.