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कोरोना काल में गई नौकरी, तो शख्स ने कबाड़ से बना दी बोरवेल मशीन

कोरोना काल में नौकरी चली गई तो शख्स ने कबाड़ से बोरवेल मशीन बना दी. अब वह आसानी से गांव में 15 हजार रुपये कमा रहा है. आम मशीनों में बोरवेल का खर्च 70 से 80 हजार रुपये आता है, लेकिन इस मशीन से 35-40 हजार रुपये में काम हो जाता है.

कबाड़ से शख्स ने बना दी बोरवेल मशीन (फोटो-आजतक) कबाड़ से शख्स ने बना दी बोरवेल मशीन (फोटो-आजतक)
सुमित सिंह
  • अंबिकापुर,
  • 01 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 5:47 PM IST

इंसान अगर मन में ठान ले तो वो कुछ भी कर गुजरता है. छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर से ऐसा ही मामला सामने आया है. एक शख्स की कोरोना काल में नौकरी चली गई थी, इसके बावजूद उसने हिम्मत नहीं हारी और वह अपने परिवार का पेट भरने के लिए कबाड़ जमा करने लगा. उसने उस कबाड़ से बोरवेल मशीन बना डाली, जो अन्य बोरवेल मशीन से काफी अलग है. 

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इस शख्स का नाम चंदन है. कम खर्च में बनी यह मशीन 40-50 फीट तक आसानी से खुदाई कर देती है. आमतौर पर बोरवेल मशीन से खुदाई में 70-80 हजार रुपये का खर्च आता है, लेकिन जुगाड़ से बनाई गई इस मशीन से 35 से 40 हजार रुपये में काम हो जाता है और पानी भी पूरा आता है. चंदन का कहना है कि जिस जगह पर पानी का लेवल ठीक है, वहां यह मशीन पूरी तरह से कारगर है.

चंदन का कहना है कि वह एक टेंट हाउस में 30 वर्षों से काम कर रहे थे, लेकिन कोरोना काल में उनकी नौकरी चली गई. फिर उन्होंने बोरिंग मशीन को लेकर कुछ इनोवेशन करने का मन बनाया और कबाड़ से बोरवेल मशीन तैयार कर दी. अब वह आराम से 4 से 5 घंटे आसानी से गन्ने के खेतों में पानी डाल लेते हैं. गांव में बोरवेल से कहीं काम मिलता है तो वह अपनी इस मशीन का इस्तेमाल करते हैं.

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उन्होंने बताया कि सारा खर्च निकालने के बाद वो 15 हजार रुपये महीना आराम से कमा लेते हैं. मशीन की सबसे बड़ी खासियत है कि यह काफी छोटी है. संकरी गलियों में इसे ले जाने में दिक्कत नहीं होती. वह एक साल में अब तक एक साल में करीब 20 बोर कर चुके हैं. अब इस मशीन की हर तरफ चर्चा हो रही है.

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