
छत्तीसगढ़ की राजनीति में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव के बयान हमेशा चर्चा का विषय रहते हैं. उनका हर बयान राजनीतिक गलियारों में नया सियासी भूचाल लाने का काम कर देता है. एक बार फिर उनके एक बयान ने छत्तीसगढ़ कांग्रेस में अटकलों का दौर शुरू कर दिया है. मीडिया से बात करते हुए टीएस सिंह ने कहा है कि वे इस बार विधानसभा चुनाव लड़ेंगे या नहीं, ये पक्का नहीं है. उनका ये बयान उस समय आया है जब ऐसे कयास लग रहे हैं कि उनके सीएम भूपेश बघेल के साथ रिश्ते अच्छे नहीं हैं.
छत्तीसगढ़ कांग्रेस में सब ठीक नहीं?
असल में कुछ दिन पहले जब स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव सरगुजा संभाग के दौरे पर आए थे तब उन्होंने अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर बड़ा बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि वे विधानसभा चुनाव से पहले कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं. तब अटकलें लगने लगी थीं कि वे क्या फैसला लेने वाले हैं. अब उसी कड़ी में गुरुवार को उन्होंने कहा है कि इस बार उनका चुनाव लड़ने का का मन नहीं है. उनकी तरफ से स्पष्ट रूप से तो कुछ नहीं कहा गया है, लेकिन इसके मायने कई निकाले जा रहे हैं. जब से छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनी है और भूपेश बघेल को मुख्यमंत्री का पद दिया गया है, उनकी स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव के साथ तकरार चलती रहती है. कभी सीएम कुर्सी को लेकर विवाद होता है तो कभी दूसरे मुद्दों पर मतभेद दिख जाते हैं.
टीएस बनाम बघेल की सियासी लड़ाई
बीजेपी तो लगातार इसे बड़ा मुद्दा बनाने की कोशिश करती है. दावा किया जाता है कि सीएम भूपेश बघेल की एकला चलो नीति से टीएस सिंह परेशान हो गए हैं. नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा था कि टीएस सिंह पहले ही पंचायत विभाग से इस्तीफा दे चुके हैं, वे लगातार हो रही अनदेखी से खुश नहीं हैं. बीजेपी पूरी कोशिश कर रही है कि चुनाव से पहले कांग्रेस के अंदर जारी सियासी लड़ाई और ज्यादा बढ़ जाए. लेकिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इन तमाम अटकलों को खारिज करते हुए सिर्फ कहा था कि टीएस सिंह के बयान को जबरदस्ती घुमाया जा रहा है.
अब इस मुद्दे पर राज्य के गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू का बड़ा बयान आया है. उन्होंने कहा है कि इससे कांग्रेस को कोई नुकसान का प्रश्न ही नहीं है. कांग्रेस एक बड़ी संस्था है, इस पर कोई एक व्यक्ति कहे मुझे चुनाव नहीं लड़ना है तो फिल ऑफ द ब्लैंक्स के लिए लोग तैयार हैं. कोई एक व्यक्ति चुनाव नहीं लड़ना चाहता तो वहां 10 लोग चुनाव लड़ने को तैयार हैं.
अब अगले साल छत्तीसगढ़ में चुनाव होने जा रहे हैं, बीजेपी के लिए तो सत्ता वापसी जरूरी है ही, कांग्रेस को भी अपने इस किले को बचाना चुनौती है. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को प्रचंड बहुमत मिली हुई है. ऐसे में तमाम अटकलों के बीच क्या वो फिर सरकार बना पाती है या नहीं, इस पर सभी की नजर रहेगी.