
छत्तीसगढ़ की 18 विधानसभा सीटों पर वोटिंग जारी है. ये सीटें बस्तर संभाग और राजनांदगांव जिले की हैं. दोनों इलाके ही नक्सल प्रभावित क्षेत्र माने जाते हैं. बीजेपी बस्तर और राजनांदगांव के जरिए ही प्रदेश की सत्ता के सिंहासन पर 15 साल पहले काबिज हुई थी.
हालांकि पिछले विधानसभा चुनाव में यहां के समीकरण बीजेपी के लिए गड़बड़ा गए था और कांग्रेस ने इस इलाके में मजबूत के साथ वापसी की थी. इसी का नतीजा था कि छत्तीसगढ़ में बेहद करीबी मामला होने के चलते रमन सिंह किसी तरह से सरकार बचा पाए थे.
प्रदेश की जिन 18 सीटों पर मतदान हो रहे हैं, 2013 के चुनाव में बीजेपी के लिए बेहतर नहीं रहे हैं. बस्तर की 12 सीटें हैं, जिनमें से बीजेपी को महज 4 सीटें मिली थी. जबकि 8 सीटें कांग्रेस के खाते में थी.
2003-2008 में बीजेपी ने जीता बस्तर
बीजेपी ने 2008 के विधानसभा चुनाव में जीत का परचम लहराया था. साल 2008 में बीजेपी ने 12 सीटों में से 11 पर जीत हासिल की थी. जबकि 2003 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 12 की 12 सीटें जीतने में कामयाब रही थी.हालांकि, सियासत ने पिछले चुनाव में ऐसी करवट ली की बीजेपी 11 से 4 सीटों पर सिमट गई. जबकि दूसरी सीटों पर मिली जीत ने रमन सिंह को सत्ता के सिंहासन तक पहुंचाया था. वरना बस्तर से पार्टी का सफाया हो गया था.
राजनांदगांव में रमन सिंह का दांव
राजनांदगांव जिले की 6 विधानसभा सीटें हैं. 2013 में राजनांदगांव में बीजेपी केवल 2 ही सीटें जीत सकी थी और कांग्रेस को 4 सीटें मिली थी. जबकि साल 2008 में राजनांदगांव से ही बीजेपी ने 4 सीटें और 2 कांग्रेस को मिली थीं. जबकि मुख्यमंत्री रमन सिंह इसी इलाके से चुनाव लड़ते आ रहे हैं.
बस्तर में जोगी बिगाड़ रहे कांग्रेस का खेल
बस्तर संभाग में कांग्रेस की पुरानी पकड़ रही है. बस्तर में एसटी की आरक्षित सीटों पर कांग्रेस लगातार जीतती आई है. लेकिन इस बार छत्तीसगढ़ में तीसरे मोर्च के रूप में उभरी अजित जोगी की जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ पहले चरण में उलटफेर कर सकती है. लेकिन चुनाव से ऐन पहले सतनामी समाज का कांग्रेस के साथ आने से माहौल फिर एक बार उसके पक्ष में नजर आ रहा है.बस्तर में अजित जोगी पूरी ताकत लगा रहे हैं. जोगी ने पहले चरण की 18 सीटों में से 10 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं जबकि बीएसपी ने 6 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए हैं. जोगी का बीएसपी के साथ गठबंधन इस बार विधानसभा चुनाव में निर्णायक साबित हो सकता है.