
छत्तीसगढ़ में पहले दौर की 18 विधान सभा सीटों पर चुनावी बिसात बिछ चुकि है. बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों ने सभी 18 विधान सभा सीटों पर अपना कब्जा जमाने का दावा किया है. फिलहाल नक्सल प्रभावित इलाकों की इन सीटों पर कांग्रेस 12 सीटों पर काबिज है, जबकि बाकी 6 सीटें बीजेपी के खाते में हैं.
छत्तीसगढ़ में पहले दौर के मतदान के लिए बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही दलों में जोर आजमाइश शुरू हो गई है. कहा जाता है कि पहले दौर में जिस पार्टी ने भी बढ़त बनाई वो उतनी तेजी से सत्ता की तरफ बढ़ेगी. लिहाजा बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही दलों ने एक-दूसरे को पछाड़ने के लिए पूरी ताकत झोक दी है. बस्तर में दोनों ही पार्टियों का अच्छा खासा वजूद है. लेकिन पिछले विधान सभा चुनाव में कांग्रेस ने बीजेपी को काफी पीछे छोड़ दिया था.
बस्तर की कुल 12 सीटों में से कांग्रेस ने 8 सीटों पर अपना कब्जा जमाया था. इसमें कांकेर, केशकाल, भानुप्रतापपुर, कोंडागांव, बस्तर, चित्रकोट, दंतेवाड़ा, कोंटा शामिल है. जबकि बीजेपी ने अंतागढ़, जगदलपुर, बीजापुर और नारायणपुर में जीत हासिल की थी. इसी तरह राजनांदगांव की 6 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस ने 4 सीट हासिल की थी, जिसमें डोंगरगांव, खुज्जी, मोहलमानपुर और खैरागढ़ शामिल है. जबकि बीजेपी को मात्र दो सीटों पर संतोष करना पड़ा इसमें डोंगरगढ़ और मुख्यमंत्री रमन सिंह की खुद राजनांदगांव सीट शामिल है. लेकिन इस बार बीजेपी ने दावा किया है कि वो सभी 18 सीटों पर अपना परचम लहराएगी.
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साल 2013 के विधान सभा चुनाव में बस्तर की 12 विधानसभा सीटों पर कुल 71.99 फीसदी मतदान हुआ था. इसमें बस्तर में सर्वाधिक 84.29 फीसदी और केशकाल में 83.47 फीसदी वोटिंग हुई. जबकि भानुप्रतापुर, कांकेर और चित्रकोट में लगभग 80 फीसदी वोटिंग हुई थी. जगदलपुर में मतदान का प्रतिशत 73.61, दंतेवाड़ा में 61.93, कोंटा में 48.36, बीजापुर में 44.94, नारायणपुर में 70.17, कोंडागांव में 84.63 और अंतागढ़ में 77.29 फीसदी मतदान हुआ था. इसी तर्ज पर राजनांदगांव में 82.36, खैरागढ़ में 84.36, डोंगरगढ़ में 82.51, खुज्जी में 84.96, डोंगरगांव में 85.19 और मोहला-मानपुर में 80.45 फीसदी मतदान हुआ था. इस बार भी इन सभी विधानसभा सीटों पर मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच है. हालांकि सीपीएम, छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस और बीएसपी गठबंधन के अलावा AAP पार्टी के प्रत्याशी भी चुनावी मैदान में है. फिलहाल बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां एक दूसरे को पटखनी देने में आमादा है.
छत्तीसगढ़ की नक्सल प्रभावित इन सभी 18 सीटों पर प्रधानमंत्री मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी समेत दोनों ही दलों के कई स्टार प्रचारकों ने मतदाताओं को रिझाने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी है. फिलहाल मतदाता खामोश भी हैं और अपना जवाब ईवीएम के जरिए देने को बेताब भी हैं.