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छत्‍तीसगढ़: विकास रथ लेकर निकले CM रमन सिंह, 45 दिनों तक करेंगे दौरा

अपनी जन सभाओं में रमन सिंह कह रहे हैं कि राजनीतिक तौर पर कांग्रेस उनका विरोध करे, लेकिन विकास कार्यों का नहीं. इससे राज्य की एक बड़ी आबादी लाभांवित हो रही है. मुख्यमंत्री रमन सिंह की विकास यात्रा पहले चरण में राज्य की 65 विधानसभा सीटों से गुजरने वाली है.

नक्‍सल प्रभावित इलाकों का भी दौरा कर रहे रमन सिंह नक्‍सल प्रभावित इलाकों का भी दौरा कर रहे रमन सिंह
रणविजय सिंह/सुनील नामदेव
  • रायपुर,
  • 17 मई 2018,
  • अपडेटेड 1:37 PM IST

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह बहुप्रतीक्षित विकास यात्रा के जरिए गांव कस्बों का दौरा कर रहे हैं. बस्तर में नक्सली हमलों की परवाह न करते हुए मुख्यमंत्री रमन सिंह दंतेवाड़ा और नारायणपुर जैसे धुर नक्सल प्रभावित इलाको में नक्सलियों को कड़ी चुनौती दे रहे हैं. खास बात ये है कि रमन सिंह अपने भाषणों में नक्सलियों के साथ-साथ कांग्रेस पर भी तीखा हमला कर रहे हैं. उनकी दलील है कि नक्सलियों की तर्ज पर कांग्रेस उनकी विकास यात्रा और विकास कार्यों का विरोध कर रही है.

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अपनी जन सभाओं में रमन सिंह कह रहे हैं कि राजनीतिक तौर पर कांग्रेस उनका विरोध करे, लेकिन विकास कार्यों का नहीं. इससे राज्य की एक बड़ी आबादी लाभांवित हो रही है. मुख्यमंत्री रमन सिंह की विकास यात्रा पहले चरण में राज्य की 65 विधानसभा सीटों से गुजरने वाली है.

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह इन दिनों अपनी विकास यात्रा में मशगूल हैं. बस्तर में दंतेवाड़ा से शुरू हुई उनकी विकास यात्रा एक के बाद एक नक्सली प्रभावित इलाकों से गुजर रही है. दंतेवाड़ा के जंगलों और प्रमुख मार्गों से होते हुए उनकी यात्रा नारायणपुर, जगदलपुर और कांकेर में अपने विरोधियों के दांत खट्टे कर रही है. बता दें, उनकी इस यात्रा का आगाज केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने किया था.

रमन सिंह विकास यात्रा के पहले चरण में कुल 65 विधानसभा क्षेत्रों के गांव-कस्बों में दाखिल होंगे. नक्सल प्रभावित इलाकों में वो कई ऐसे दुर्गम गांव का रुख कर रहे हैं जहां नक्सलियों का बोलबाला है. 45 दिनों तक चलने वाली इस विकास यात्रा के पहले चरण में ज्यादातर उन सीटों पर फोकस किया गया है जहां बीजेपी का कब्जा है. इस यात्रा के जरिए पार्टी में एक तरह से चुनावी शंखनाद भी किया है. राज्य में इसी साल अक्टूबर-नवंबर माह में विधानसभा चुनाव होने हैं. लिहाजा राजनीतिक सक्रियता के मद्देनजर बीजेपी के लिए यह यात्रा काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है. बिजली, पानी, सड़क, स्वास्थ्य सेवाओं जैसी मूलभूत समस्याओं का निराकरण मौके पर ही होने से ग्रामीण गदगद हैं.

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