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छत्तीसगढ़: यात्राओं की दौड़ में कांग्रेस से काफी पीछे रह गई BJP? समझें चुनावी राज्य का गणित

भारतीय जनता पार्टी की परिवर्तन यात्रा बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह यात्रा छत्तीसगढ़ में चुनाव के परिप्रेक्ष्य में 20 साल बाद निकल रही है. यह यात्रा 45+ विधानसभा सीट से होकर 1728 किमी कवर करके 16 दिनों में बिलासपुर पहुंचने वाली है. चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी की पहली इतनी बड़ी यात्रा है जो शुद्ध छत्तीसगढ़ में सुनियोजित तरीके से निकलने वाले हैं.

अमित शाह का दौरा रद्द अमित शाह का दौरा रद्द
सुमी राजाप्पन
  • रायपुर,
  • 12 सितंबर 2023,
  • अपडेटेड 9:51 PM IST

छत्तीसगढ़ में आज परिवर्तन यात्रा को हरी झंडी दिखाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह दंतेवाड़ा पहुंचना था. लेकिन आखिरी मिनट में अमित शाह का छत्तीसगढ़ प्रवास रद्द हो गया. इसका मुख्य कारण खराब मौसम बताया जा रहा है. लगतार हो रही बारिश की वजह से एक क्लियरेंस नहीं मिल पा रहा है, जिसकी वजह से अमित शाह का दंतेवाड़ा प्रवास रद्द हो गया. 

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सूत्रों के हवाले से पता चल रहा है कि केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी जो नागपुर में किसी कार्यक्रम में थीं, उन्हें वहां से दंतेवाड़ा भेजने की तैयारी पार्टी कर रही है. भारतीय जनता पार्टी की परिवर्तन यात्रा बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह यात्रा छत्तीसगढ़ में चुनाव के परिप्रेक्ष्य में 20 साल बाद निकल रही है. भारतीय जनता पार्टी भी इसके लिए बहुत दिनों से तैयारी कर रही थी, इस यात्रा के लिए कल ही रायपुर से एक हाइड्रोलिक लिफ्ट वाली हाईटेक बस भी दंतेवाड़ा भेजी गई.

BJP का मिशन छत्तीसगढ़

यह यात्रा 45+ विधानसभा सीट से होकर 1728 किमी कवर करके 16 दिनों में बिलासपुर पहुंचने वाली है. चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी की पहली इतनी बड़ी यात्रा है जो शुद्ध छत्तीसगढ़ में सुनियोजित तरीके से निकलने वाले हैं. ऐसे में एक बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या भारतीय जनता पार्टी यात्राओं के दौर में कांग्रेस के पीछे रह गई है?

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राजनीतिक विशेषज्ञ सुदीप श्रीवास्तव की मानें तो यह परिवर्तन यात्रा 2003 में भी छत्तीसगढ़ में निकली थी, तब इसे तीन चरणों में निकाला गया था. डॉ रमन सिंह, दिलीप सिंह, जूदेव नंद कुमार, चन्द्रशेखर साहू साय अलग-अलग डिवीजन में हेड कर रहे थे और तब यात्रा को मई-जून के महीने में ही निकल कर खत्म भी किया जा चुका था. अगर इसे देखा जाए तो इस बार भारतीय जनता पार्टी अपनी यात्राएं निकालने में लेट हो चुकी है. भौगोलिक दृष्टि से देखा जाए तो छत्तीसगढ़ भौगोलिक दृष्टि से 9वां सबसे बड़ा राज्य तमिलनाडु से बड़ा है. 

90 सीटों को कवर करने में लगेंगे इतने दिन

ऐसे में हर विधानसभा में जो एक दूसरे से काफी दूर है, उन तक पहुंच पाना कोई राजनीतिक पार्टी के लिए आसान नहीं होने वाला था. अगर भारतीय जनता पार्टी एक दिन में दो विधानसभा सीट भी कवर करती है तो 90 विधानसभा सीटों को कवर करने के लिए 45 दिन लग जाएंगे और चुनाव के इतने करीब आकर मध्य सितंबर में यात्रा निकालना शायद भाजपा को चुनाव में उतना फायदा ना पहुंचा पाए. 

BJP से ज्यादा सफल क्यों नजर आ रहे हैं CM बघेल

वहीं अगर कांग्रेस की बात हो जाए तो छत्तीसगढ़ में उनके लगतार संकल्प शिविर चल रहे हैं और मुख्यमंत्री पिछले एक साल से लगातार लोगों से मुलाकातें कर अपनी योजनाओं के फायदे गिना रहे हैं. साथ ही लोगों से अच्छा कनेक्ट बनाने में सीएम बघेल बीजेपी की अपेक्षा ज्यादा सफल नजर आ रहे हैं.

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ऐसी राजनीतिक यात्राएं किसी भी पार्टी के लिए बेहद महत्तवपूर्ण होती हैं, क्योंकि वहां वोटर्स को मनोवैज्ञानिक तौर पर मनाना बेहद मददगार साबित होता है. वोटर्स को हमेशा याद होता है कि कौन सा राजनीतिक दल या उम्मीदवार को देखकर उनसे वोट मांगे जांए. भारतीय जनता पार्टी को देर से निकलने से नुकसान होगा, ये कहना अभी मुश्किल है. लेकिन फायदा जितना उठा सकती थी, वो पार्टी को नहीं होगा. 

यात्राओं की पार्टी रही है भाजपा

छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ पत्रकार संजीव गुप्ता का भी यही मानना ​​है कि भारतीय जनता पार्टी परिवर्तन यात्रा को निकालने में जरूर शामिल हुई है. कांग्रेस ने भी परिवर्तन यात्रा निकाली थी, 2013 में वह मई के महीने में निकल चुकी थी. मुझे ऐसा लगता है कि जनता तक अपना संदेश लेकर यात्राएं के लिए जाना बहुत आसान है. ऐसे में 1728 किलोमीटर की यात्रा आचार संहिता लगने से पहले कितनी पूरी हो जाएगी, यह देखना दिलचस्प होगा. क्योंकि आचार संहिता लग जाने से इस तरह के राजनीतिक कैम्पेनिंग की गति धीमी हो जाती है. बीजेपी यात्राओं की पार्टी रही है. आडवाणी जी की रथ यात्रा हो या एफआईआर या परिवर्तन यात्रा. लेकिन अब छत्तीसगढ़ में इस यात्रा का कितना फायदा बीजेपी को मिलेगा, यह अभी देखना बाकी है.

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