
छत्तीसगढ़ में आज विधायक दल की बैठक होने वाली है और माना जा रहा है कि आज राज्य के नए मुख्यमंत्री के नाम पर फैसला हो जाएगा. बीजेपी के केंद्रीय पर्यवेक्षक सर्बानंद सोनोवाल और अर्जुन मुंडा दिल्ली से रवाना होकर रायपुर पहुंच गए हैं. एयरपोर्ट पहुंचने पर बीजेपी नेताओं द्वारा केंद्रीय पर्यवेक्षकों का पंथी नृत्य,राउत नृत्य से भव्य स्वागत किया गया.
सभी विधायक बीजेपी के रायपुर स्थित ऑफिस में पहुंचने लगे हैं और अभी तक 51 विधायक यहां पहुंच चुके हैं. कुछ ही देर में पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में विधायकों की बैठक शुरू होगी. दूसरे राज्यों की तरह ही छत्तीसगढ में भी सबसे बडा सवाल ये कि अगला सीएम कौन होगा? ये देखना होगा कि बीजेपी किसी आदिवासी चेहरे पर ही दाव खेलेगी या फिर गैर आदिवासी को मौका दिया जाता है.
दोपहर में होनी है बैठक
बीजेपी के तीन पर्यवेक्षक अर्जुन मुंडा, सर्बानंद सोनोवाल और दुष्यंत गौतम रायपुर में नव निर्वाचित विधायकों के साथ दोपहर में बैठक करेंगे. बीजेपी की तरफ से ये खबर भी है कि नए चुने गए विधायकों की बैठक में ही छत्तीसगढ के नए सीएम का ऐलान कर दिया जाएगा.
रमन सिंह मिशन 24 की तैयारी में जुटे
जैसे मध्यप्रेदश में शिवराज केंद्रीय नेतृत्व को याद दिला रहे हैं कि अब अगला लक्ष्य लोकसभा चुनाव का है. उसी तर्ज पर रमन सिंह भी बोल रहे हैं कि बडा लक्ष्य लोकसभा चुनाव में राज्य की सभी सीटें जीतना है.
रमन सिंह ने ही एक बार फिर पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से दिल्ली मे्ं मुलाकात की थी और इसके बाद वो रायपुर पहुंचे और मीडिया से बात की. रमन सिंह का कद स्वाभाविक रूप से सबसे बढा है लेकिन इस बार पार्टी नए प्रयोग के मूड में है औ ये भांपकर दूसरे दावेदार भी जोर लगा रहे है.
कौन हैं दावेदार
छत्तीसगढ में भी कई दावेदार हैं जिनमें खुद रमन सिंह के अलावा अरुण साव, विष्णुदेव साय,ओपी चौधरी और रेणुका सिंह के नाम शामिल हैं. पार्टी अन्य पिछड़ा वर्गी यानि ओबीसी और आदिवासी मुख्यमंत्री के फॉर्मूले पर विचार कर सकती है. आदिवासी सीएम के रूप में पूर्व केंद्रीय मंत्री विष्णुदेव साय और रेणुका सिंह का नाम आगे चल रहा है तो वहीं ओबीसी समुदाय से बात करें तो पूर्व नौकरशाह ओपी चौधरी और अरुण साव में से किसी एक नाम पर सहमति बन सकती है.
आपको बता दें कि छत्तीसगढ में सारे कयासों को पलटते हुए बीजेपी ने शानदार जीत हासिल करने हुए 54 सीटें हासिल की थी जबकि कांग्रेस 34 सीटें ही जीत सकती थी. ऐसे में अब देखना ये है कि इस राज्य से लोकसभा में भी अच्छे नतीजे मिले इसका जिम्मा बीजेपी किसको सौपती हैं.