Advertisement

कांग्रेस को फिर झटका देने की तैयारी में जोगी, BSP से बढ़ाई दोस्ती

जोगी ने बुधवार को बसपा प्रमुख मायावती से मुलाकात करके गठबंधन की संभावनाओं पर चर्चा की. ऐसे में अगर दोनों दल अगर साथ मिलकर विधानसभा चुनाव में उतरते हैं तो कांग्रेस के लिए किसी झटके से कम नहीं. जबकि रमन सिंह के नेतृत्व वाली बीजेपी की सत्ता में वापसी की राह आसन हो जाएगी.

अजीत जोगी और मायावती अजीत जोगी और मायावती
कुबूल अहमद
  • नई दिल्ली,
  • 05 जुलाई 2018,
  • अपडेटेड 2:06 PM IST

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस से बगावत कर अलग पार्टी बनाने वाले अजीत जोगी एक और झटका देने की तैयारी कर रहे हैं. राज्य में नया समीकरण बनाने के लिए जोगी ने बुधवार को बसपा प्रमुख मायावती से मुलाकात करके गठबंधन की संभावनाओं पर चर्चा की. ऐसे में अगर दोनों दल साथ मिलकर विधानसभा चुनाव में उतरते हैं तो कांग्रेस के लिए किसी झटके से कम नहीं. वहीं रमन सिंह के नेतृत्व वाली बीजेपी की सत्ता में वापसी की राह आसन हो जाएगी.

Advertisement

बता दें कि अजीत जोगी अपनी पार्टी बनाने से पहले छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का चेहरा माने जाते थे. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से नाराज होकर उन्होंने 2016 में जोगी कांग्रेस के नाम से अपनी अलग पार्टी बना ली. इसी मद्देनजर वे बसपा के साथ चुनावी तालमेल में कोशिश में जुट गए हैं.

छत्तीसगढ़ में इसी साल आखिरी में विधानसभा चुनाव होने हैं. रमन सिंह को चौथी बार सत्ता में आने से रोकने के लिए कांग्रेस-बसपा गठबंधन की चर्चा थी. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल ने गठबंधन के लिए बकायदा ऑफर भी दिया था. पिछले माह कांग्रेस प्रभारी पीएल पुनिया ने बसपा के साथ गठबंधन की अटकलों को खारिज कर दिया.

कांग्रेस के साथ बसपा गठबंधन के विराम लगने के बाद अजीत जोगी अब सक्रिय हो गए है. दरअसल बीते कुछ महीने से गठबंधन को लेकर बसपा प्रमुख मायावती की सक्रियता बढ़ी है. वे विभिन्न दलों के राजनेताओं से मुलाकात कर रही हैं.

Advertisement

इसी कड़ी में अजीत जोगी ने बुधवार को मायावती से मुलाकात की. इस दौरान उनके बेटे और विधायक अमित जोगी भी मौजूद थे. माना जा रहा है दोनों पार्टियों के बीच 2018 के विधानसभा चुनाव और 2019 के आम चुनाव को लेकर चर्चा हुई.

बसपा के संस्थापक दिवंगत कांशीराम से अजीत जोगी के नजदीकी रिश्ते रहे हैं. दोनों नेता नौकरशाही से राजनीति में आए हैं. जोगी की प्रदेश में अनुसूचित जाति वर्ग में खासी पैठ है, वहीं बसपा का भी यही वर्ग बड़ा वोट बैंक रहा है.

पिछली चारों ही विधानसभाओं में बसपा एक-दो विधानसभा सीटें जीतती रही है. इतना ही नहीं बसपा कई सीटों पर बीजेपी और कांग्रेस की हार का कारण बनती रही है. इसी के मद्देजनर कांग्रेस और अजीत जोगी दोनों बसपा के साथ तालमेल के लिए कोशिशों में जुटी हैं.

बसपा ने छत्तीसगढ़ में गठबंधन को लेकर अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं. ऐसे में बसपा अजीत जोगी के संग मिलकर चुनावी रण में उतरी है, तो इसका सीधा फायदा बीजेपी को मिलेगा. रमन सरकार के खिलाफ जो सत्ता विरोधी वोट है, वो दो दलों के बीच बंट जाएगा.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement