Advertisement

छत्तीसगढ़ में राहुल का चाणक्य दांव, लोकसभा चुनाव जिताने वाला MLA बनेगा मंत्री

छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल के नेतृत्व में बनी कांग्रेस सरकार में अभी तक कुल 11 मंत्रियों को शपथ दिलाई गई है. इस तरह से कैबिनेट में अभी भी एक मंत्री के लिए जगह खाली है. 2019 के लोकसभा चुनाव में सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाले विधायक को मंत्री के तोहफे से नवाजा जा सकता है.

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (फोटो-Twitter) छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (फोटो-Twitter)
सुनील नामदेव
  • रायपुर,
  • 25 दिसंबर 2018,
  • अपडेटेड 12:22 PM IST

छत्तीसगढ़ की सत्ता में कांग्रेस 15 साल के बाद सत्ता में वापसी की है. सूबे में सत्ता की कमान भूपेश बघेल के हाथों में सौंपी गई है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंगलवार को अपनी कैबिनेट गठन किया. राज्यपाल ने 9 विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई. जबकि दो मंत्रियों को पहले ही शपथ दिलाई जा चुकी है. इस तरह सीएम समेत मंत्रिमंडल में 12 सदस्य हो गए है. हालांकि एक मंत्री की जगह अभी भी खाली है, जिसे 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद भरा जाएगा.

Advertisement

माना जा रहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल कैबिनेट में एक जगह खाली रखकर बड़ा दांव चला है. इसके मुताबिक सूबे में जो भी विधायक 2019 के लोकसभा चुनाव में सबसे बेहतर प्रदर्शन करेगा, उसे मंत्री पद के तोहफे से नवाजा जाएगा. इसी के मद्देनजर सूबे की नई कांग्रेस सरकार में अभी 11 मंत्री बनाए गए हैं. जबकि नियम के मुताबिक मुख्यमंत्री के अलावा अधिकतम 12 मंत्री बनाए बनाए जा सकते हैं.

बता दें कि सूबे में कांग्रेस के कई नेता मंत्री पद की दौड़ में शामिल थे, लेकिन मंगलवार को रविंद्र चौबे, मोहम्मद अकबर, प्रेमसाय सिंह,  कवासी लखमा, शिव डहरिया, अनिला भेड़िया, जयसिंह अग्रवाल, रुद्र गुरू और उमेश पटेल को मंत्री पद के शपथ दिलाई है. जबकि टीएस सिंहदेव और ताम्रध्वज साहू बतौर मंत्री मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ पहले ही शपथ ले चुके हैं.

Advertisement

विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 67 सीटें जीतकर प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में आई है. ऐसे में कई कांग्रेसी विधायक मंत्री बनने की कोशिश में जुटे थे, लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कैबिनेट का गठन किया है. इनमें जातीय समीकरण का पूरा ध्यान रखा गया है. इसके बावजूद एक जगह अभी खाली रखी गई है. इसके लिए 2019 के फैसले के बाद निर्णय किया जाएगा. हालांकि, इसके लिए विधायकों को लोकसभा चुनावों में अपनी ताकत लगानी होगी, उसके बाद ही वे मंत्री बन सकेंगे.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement