
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने मंगलवार को छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव (TS Singh Dev) के साथ बैठक कर दोनों के बीच सुलह का प्रयास किया. सूत्रों के मुताबिक, यह बैठक करीब तीन घंटे तक चली और कांग्रेस (Congress) आलाकमान की तरफ से मुख्यमंत्री बदलने को लेकर संकेत नहीं दिया गया है.
बैठक के बाद कांग्रेस प्रभारी पीएल पुनिया ने इस बात से इनकार किया कि इस बैठक में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर कोई चर्चा हुई. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के सभी संभागों के विकास पर चर्चा हुई.
हालांकि सूत्रों का कहना है कि यह बैठक दोनों नेताओं के बीच सुलह की कोशिश के तहत बुलाई गई थी और मुख्य रूप से इसी पर केंद्रित भी थी. बैठक के दौरान कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और पुनिया भी मौजूद थे.
सूत्रों ने बताया कि राहुल गांधी ने बघेल और सिंहदेव से अलग-अलग भी मुलाकात की और आगे दोनों नेताओं के साथ केसी वेणुगोपाल एवं पुनिया समन्वय रखेंगे.
एक वक्त पर भूपेश बघेल और टी एस सिंह देव को राहुल गांधी की जय और वीरू की जोड़ी कहा जाता था लेकिन सरकार के 3 साल पूरे होते-होते दोनों के बीच टकराव लगातार बढ़ता जा रहा है. आलम यह है कि भूपेश बघेल और टी एस सिंह देव के बीच ठन गई है.
सूत्रों के मुताबिक टी एस सिंह देव को पार्टी हाईकमान ने सरकार के ढाई साल बाद मुख्यमंत्री बनाने का वादा किया था मगर अब 3 साल बीत गए हैं और भूपेश बघेल ने अपनी पकड़ पार्टी में और सीएम की कुर्सी पर काफी मजबूत कर ली है. बघेल ने राहुल गांधी के चुनाव के दौरान किए गए वादों को पद संभालते ही लागू करने का ऐलान कर दिया था.
उधर, टीएस सिंह देव के खेमे का कहना है कि लगातार उनको टारगेट किया जा रहा है. शिकायतें ये भी है कि कांग्रेस पार्टी के मेनिफेस्टो के विपरीत स्वास्थ्य क्षेत्र में निजीकरण किया जा रहा है और ऐसा स्वास्थ्य मंत्री की जानकारी के बगैर किया जा रहा है. हाल ही में छत्तीसगढ़ विधानसभा से टी एस सिंह देव के वॉकआउट की तस्वीरें वायरल हुई थी.
दरअसल यहां कांग्रेस विधायक ने उनपर हत्या की कोशिश का आरोप लगाया था जिसको लेकर वह आहत थे और उन्होंने उस विधायक के खिलाफ कार्यवाही की मांग की थी. पार्टी आलाकमान के दखल के बाद ही मामला सुलझ पाया और उस विधायक को शो कॉज नोटिस भी दिया गया. छत्तीसगढ़ में भी कहीं कांग्रेस का हाल राजस्थान की तरह ना हो जाए इसलिए राहुल गांधी इस रार को सुलझाने की कोशिश में लगे हैं.