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कोल ब्लॉक घोटाला: ED की कार्रवाई, वंदना ग्रुप की 603 Cr की संपत्ति अटैच

प्रवर्तन निर्देशालय (ED) ने कोल ब्लॉक फर्जीवाड़े मामले में शामिल रायपुर की वंदना स्टील एंड पावर लिमिटेड की 603 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली है. मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत यह कार्रवाई की गई है.

प्रतीकात्मक फोटो प्रतीकात्मक फोटो

प्रवर्तन निर्देशालय (ED) ने कोल ब्लॉक फर्जीवाड़े मामले में शामिल रायपुर की वंदना स्टील एंड पावर लिमिटेड की 603 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली है. मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत यह कार्रवाई की गई है.

बता दें कि सीबीआई ने वर्ष 2015 में इस कंपनी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज कर जांच शुरू की थी. सीबीआई ने अपनी जांच में पाया कि छत्तीसगढ़ के फतेहपुर कोयला ब्लॉक को हासिल करने के लिए इस कंपनी ने कई फर्जी दस्तावेज भी जमा किए थे.  ईडी के मुताबिक, कंपनी के डायरेक्टर विनोद अग्रवाल, गोपाल अग्रवाल और अधिकारी अम्बरीश गुप्ता ने कोयला ब्लॉक आबंटन प्राप्त करने के लिए तथ्यों को गलत तरीके से प्रस्तुत किया. धोखाधड़ी से छत्तीसगढ़ के फतेहपुर में कोल ब्लॉक को प्राप्त किया.

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प्रवर्तन निदेशालय ने सीबीआई द्वारा तीन साल पहले वंदना स्टील एंड पावर लिमिटेड के खिलाफ FIR दर्ज की थी. इसके बाद जांच में पता चला कि ग्रुप के निदेशक विनोद अग्रवाल ने 2007 में कोयला मंत्रालय में आवेदन करते समय कंपनी का टर्न ओवर 37 करोड़ रुपये के बजाय 238 करोड़ रुपये घोषित किया था. जो कि वंदना ग्रुप ऑफ कंपनीज का टर्न ओवर था. ताकि नया कोयला ब्लॉक का आवंटन हो सके.

फर्जी दस्तावेजों के जरिए हासिल किया कोल ब्लॉक

आवंटन नियमों के अनुसार कंपनी का टर्नओवर 270 करोड़ का होना चाहिए था. कोयला मंत्रालय के अधिकारियों से मिलीभगत कर विनोद अग्रवाल ने कोल ब्लॉक को किसी भी तरह हासिल किया था. जांच में यह भी पता चला कि वंदना स्टील एंड पावर लिमिटेड के संचालक ने कोल ब्लाक हासिल करने के उद्देश्य से कोयला मंत्रालय और छत्तीसगढ़ शासन में कई फर्जी दस्तावेज भी जमा करवाया था.

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