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छत्तीसगढ़: एक कलेक्टर कैसे बन गया CM, पढ़ें अजीत जोगी का राजनीतिक सफर

छत्तीसगढ़ की राजनीति में अजीत जोगी एक ऐसा चेहरा हैं जो राज्य की सत्ता पर फर्क डाल सकते हैं. इस बार अजीत जोगी ने मायावती के साथ गठबंधन कर विधानसभा चुनाव में नया मोड़ आया है.

छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी (फाइल फोटो) छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी (फाइल फोटो)
मोहित ग्रोवर
  • नई दिल्ली,
  • 29 अक्टूबर 2018,
  • अपडेटेड 6:18 PM IST

छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के लिए पहले चरण के मतदान में कुछ ही दिनों का समय बचा है. राजनीतिक पार्टियां चुनाव प्रचार के जरिए वोटरों में लुभाने में जुटी हैं. राज्य में कुछ नेता ऐसे हैं जिनके नाम पर पूरी राजनीति केंद्रित है. इनमें सबसे अहम नाम है राज्य के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी का.

जब से राज्य का गठन हुआ है राज्य की सियासत जोगी के इर्द-गिर्द ही घूम रही है. अब जब कांग्रेस रमन सिंह को सत्ता से हटाने में जुटी है तो अजीत जोगी ने बसपा सुप्रीमो मायावती के साथ गठबंधन कर चुनाव में नया मोड़ ला दिया है.

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अजीत जोगी ने अपने करियर की शुरुआत बतौर कलेक्टर की थी, जिस दौरान इंदौर में कलेक्टरी कर रहे थो तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के संपर्क में आ गए. 1986 के आसपास उन्होंने कांग्रेस ज्वाइन कर ली और सक्रिय राजनीति में प्रवेश किया.

इसके बाद जोगी का राजनीतिक सिक्का चमकने लगा, वह 1986 से 1998 तक राज्यसभा के सदस्य रहे. इस दौरान वह कांग्रेस में अलग-अलग पद पर कार्यकर रहे, वहीं 1998 में रायगढ़ से लोकसभा सांसद चुने गए.

साल 2000 में जब छत्तीसगढ़ राज्य का गठन हुआ, तो उस क्षेत्र में कांग्रेस को बहुमत था. यही कारण रहा कि कांग्रेस ने बिना कुछ देरी के अजीत जोगी को ही राज्य का मुख्यमंत्री बना दिया. जोगी 2003 तक राज्य के सीएम रहे.

हालांकि, उसके बाद जोगी की तबीयत खराब होती रही और उनका राजनीतिक ग्राफ भी गिरता गया. लगातार वह पार्टी में बगावती तेवर अपनाते रहे और अंत में उन्होंने अपनी अलग राह चुन ली.  

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अजीत जोगी ने 2016 में कांग्रेस से बगावत कर अपनी अलग पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के नाम से गठन किया था. जबकि एक दौर में वो राज्य में कांग्रेस का चेहरा हुआ करते थे.

अब वो कांग्रेस से दो-दो हाथ करने के लिए उन्होंने बसपा के साथ गठबंधन किया है. राज्य की कुल 90 सीटों में से 35 बसपा 53 जोगी और 2 सीटें सीपीएम को मिली है.

छत्तीसगढ़ के बारे में...

आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ में कुल 90 विधानसभा सीटें हैं. राज्य में अभी कुल 11 लोकसभा और 5 राज्यसभा की सीटें हैं. छत्तीसगढ़ में कुल 27 जिले हैं. राज्य में कुल 51 सीटें सामान्य, 10 सीटें एससी और 29 सीटें एसटी के लिए आरक्षित हैं.

2013 चुनाव में क्या थे नतीजे...

2013 में विधानसभा चुनाव के नतीजे 8 दिसंबर को घोषित किए गए थे. इनमें भारतीय जनता पार्टी ने राज्य में लगातार तीसरी बार कांग्रेस को मात देकर सरकार बनाई थी. रमन सिंह की अगुवाई में बीजेपी को 2013 में कुल 49 विधानसभा सीटों पर जीत मिली थी.

जबकि कांग्रेस सिर्फ 39 सीटें ही जीत पाई थी. जबकि 2 सीटें अन्य के नाम गई थीं.2008 के मुकाबले बीजेपी को तीन सीटें कम मिली थीं, इसके बावजूद उन्होंने पूर्ण बहुमत से अपनी सरकार बनाई. रमन सिंह 2003 से राज्य के मुख्यमंत्री हैं.

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