
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्यपाल अनुसुइया उइके पर दो आरक्षण विधेयकों को मंजूरी देने में देरी पर संवैधानिक अधिकारों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है. इसके साथ ही पूछा कि क्या गवर्नर विधेयकों पर हस्ताक्षर करने के लिए किसी मुहूर्त का इंतजार कर रही हैं?
वहीं सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि राज्यपाल द्वारा विधेयकों को लंबित रखना "संविधान के तहत दिए गए अधिकारों का दुरुपयोग" है. साथ ही उन्होंने पूछा कि मार्च में कौन सा मुहूर्त निर्धारित है, जब वह हस्ताक्षर करेंगी? ये बिल दिसंबर में पारित हुए थे. बीजेपी इस पर भले ही चुप है, लेकिन बीजेपी के इशारे पर बिलों को रोका गया है.
सीएम बघेल ने कहा कि यह राज्य के युवाओं के साथ अन्याय है. उन्होंने कहा कि राज्यपाल मार्च तक इंतजार कर रही हैं? क्या वह शुभ मुहूर्त का इंतजार कर रही हैं. उन्होंने कहा कि परीक्षाएं निर्धारित हैं, जिसके बाद शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश शुरू होंगे और विभिन्न सरकारी विभागों में भर्ती परीक्षाएं भी लंबित हैं.
छत्तीसगढ़ विधानसभा ने 2 दिसंबर, 2022 को छत्तीसगढ़ लोक सेवा (अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग आरक्षण) संशोधन विधेयक और छत्तीसगढ़ शैक्षणिक संस्थान (एडमिशन में आरक्षण) संशोधन विधेयक पारित किया था.
विधेयकों के अनुसार अनुसूचित जनजाति को 32 प्रतिशत, अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत, अनुसूचित जाति को 13 प्रतिशत और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) को चार प्रतिशत का कोटा मिलेगा, जिससे राज्य में कुल आरक्षण 76 फीसदी हो जाएगा.
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