
छत्तीसगढ़ खनन मामले में ईडी ने मंगलवार को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश किया. विशेष अदालत ने सूर्यकांत तिवारी, आईएएस समीर विश्नोई, लक्ष्मीकांत तिवई और सुनील अग्रवाल को 10 दिसंबर तक जेल भेज दिया है. वहीं, कोर्ट ने उप सचिव सौम्या चौरसिया को 10 दिसंबर तक ईडी की हिरासत में रहने का आदेश दिया है.
बता दें कि ED ने कुछ ही दिनों पहले बड़ी कार्रवाई करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कार्यालय में उप सचिव के रूप में काम कर रहीं सौम्या चौरसिया को गिरफ्तार किया था. इस मामले में लंबे समय से उनके खिलाफ जांच चल रही थी, आयकर विभाग ने भी रेड मारी थी.
खनन घोटाले में लिप्त अधिकारी
आरोप के मुताबिक इस मामले में मुख्य आरोपी सूर्यकांत तिवारी ने अपने साथियों के साथ मिलकर छत्तीसगढ़ में कोयले के अवैध खनन के लिए पूरी रणनीति बनाई थी. इन आरोपियों द्वारा लगातार पैसों का लेन-देन भी किया जा रहा था. उन्हीं पैसों से कई जगह बेनामी संपत्ति भी खरीदी गई थी.
पहले आयकर विभाग ने शुरू की थी जांच
गौरतलब है कि इस मामले में सबसे पहले आयकर विभाग ने जांच शुरू की थी. उस जांच के आधार पर ही ईडी को मामले के साथ जोड़ा गया और मनी लॉन्ड्रिंग की धाराएं लगाई गईं. इस मामले में ईडी इस बात की जांच कर रही है कि आखिर किन अधिकारियों का इस घोटाले में सक्रिय रोल था, किसे सबसे ज्यादा फायदा पहुंच रहा था.
ED को बड़ी कामयाबी
इस मामले में ईडी को बड़ी कामयाबी तब मिली जब उन्होंने सौम्या चौरसिया को गिरफ्तार किया. सौम्या चौरसिया इस मामले में काफी चर्चित आरोपी हैं. लंबे समय से उनकी गिरफ्तारी की मांग हो रही थी. गिरफ्तार होने के बाद उनसे पूछताछ के आधार पर आगे और भी गिरफ्तारियां संभव हैं. ईडी ने इस मामले में 11 अक्टूबर को भी बड़ी कार्रवाई की थी. कई जगहों पर रेड डाल सबूत इकट्ठा किए गए थे. बड़ी संख्या में नकदी तो मिली ही थी, करोड़ों के गहने भी जब्त किए गए. लेकिन मुख्य आरोपी सूर्यकांत तिवारी फरार पाया गया था, कलेक्टर रानु साहू भी जांच एजेंसी की रडार से दूर रहीं.
कौन हैं सौम्या चौरसिया?
जानकारी के लिए बता दें कि सौम्या चौरसिया 2008 बैच की पीसीएस अधिकारी हैं. उनके पति का नाम सौरभ मोदी है. उनके करियर की बात करें तो, चौरसिया इससे पहले भी कई महत्वपूर्ण पदों पर जिम्मेदारियां निभा चुकी हैं. उन्होंने बिलासपुर जिले के पेंड्रा और बिलासपुर, दुर्ग, भिलाई और पाटन एसडीएम पद रहते हुए महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाई.