
छत्तीसगढ़ में विधान सभा चुनाव के पहले पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी को तगड़ा झटका लगा है. उनकी पार्टी के फाउंडर मेंबरों में से एक पूर्व कांग्रेसी नेता मुरली अग्रवाल ने जोगी का साथ छोड़ करीब ढाई हजार किसानों के साथ कांग्रेस में प्रवेश कर लिया है. प्रदेश कांग्रेस प्रभारी पी.एल. पुनिया ने घर वापसी अभियान के तहत मुरली अग्रवाल का पार्टी में गर्मजोशी के साथ स्वागत किया. इसके साथ ही राज्य में विधान सभा चुनाव करीब आते ही आयाराम गयाराम का दौर भी शुरू हो गया है.
छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में कांग्रेस की एक सभा में पार्टी ने मुरली अग्रवाल को हाथों- हाथ लिया. बिलासपुर डिवीजन के इस कद्दावर कांग्रेसी नेता की करीब तीन साल बाद पार्टी में वापसी हुई है. मुरली अग्रवाल अजीत जोगी की पार्टी में बतौर कर्ताधर्ता महत्वपूर्ण राजनीतिक काम देख रहे थे. लेकिन अचानक उन्होंने जोगी का साथ छोड़ फिर कांग्रेस की राह पकड़ ली है.
रायगढ़ में आयोजित समारोह में करीब ढाई हजार किसानों के साथ मुरली अग्रवाल ने कांग्रेस में घर वापसी की. उनकी अगुवाई में पी.एल. पुनिया समेत राज्य के सभी बड़े कांग्रेसी नेता मौजूद रहे. बिलासपुर डिवीजन में मुरली अग्रवाल एक समय कांग्रेस के कद्दावर नेताओं के रूप में जाने पहचाने जाते थे. पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने जब अपनी नई पार्टी बनाई तो उन्होंने कांग्रेस का हाथ छोड़ जोगी कांग्रेस में अपना ठिकाना बना लिया था. लेकिन जोगी से उनका गठबंधन कुछ महीने ही चल पाया. अब अचानक पाला बदल कर वो कांग्रेस में शामिल हो गए है.
रंग ला रहा है कांग्रेस का घर वापसी अभियान
रायगढ़ में जब मुरली अग्रवाल भारी तादाद में किसानों के साथ कांग्रेस के खेमे में पहुंचे तो पार्टी नेताओं की बांछे खिल गई. इस इलाके में बीजेपी और जोगी कांग्रेस को टक्कर देने के लिए कांग्रेस को एक ऐसे नेता की तलाश थी जिसकी किसानों में पैठ हो. मुरली अग्रवाल के वापस पार्टी में आ जाने से कांग्रेस की जान में जान आई है. लिहाजा मन से लेकर पार्टी दफ्तर तक रौनक छाई हुई है. पार्टी के तमाम नेता किसानों के हक में लड़ने के लिए कमर कसते नजर आ रहे है. बिलासपुर डिवीजन में किसी भी प्रत्याशी की जीत हार में किसान निर्णायक भूमिका में होते हैं.
जांजगीर चाम्पा, रायगढ़, बिलासपुर, मुंगेली, कोरबा, बैकुंठपुर, राज्य के खेतिहर इलाकों में से एक है. यहां राजनीति के केंद्र में किसान महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. लिहाजा घर वापसी पर पार्टी किसानो की फिक्र को लेकर ज्यादा ही संजीदा हो गई है.
घर वापसी की राह में कई पूर्व कांग्रेसी
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने घर वापसी अभियान छेड़ा हुआ है. इसमें भूले बिसरे कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के अलावा वो नेता भी दोबारा पार्टी का दामन थाम रहे हैं, जो कभी टिकट ना मिलने से नाराज होकर घर बैठ गए थे. या फिर अपने सुनहरे भविष्य की तलाश में कांग्रेस के विरोधी दलों में शामिल हो गए थे. हालांकि अपना साथ छोड़ कांग्रेस में शामिल हो रहे नेताओं को लेकर जोगी ने किसी भी तरह की टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है.