
एक दिन गुजरता नहीं, कि जबतक कांग्रेस संभलती हुई दिखती है तब तक एक नई गुटबाजी सामने आ जाती है. 15 सालों के बाद बंपर बहुमत के साथ सत्ता में आई छत्तीसगढ़ में कांग्रेस में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. यहां काफी समय से नेतृत्व परिवर्तन की सुगबुगाहट सुनाई दे रही है. इधर पार्टी आलाकमान जबतक पंजाब के झगड़े को सलझाता रायपुर से विधायकों का एक गुट अपनी मांगों को लेकर दिल्ली पहुंच चुका है.
हालांकि जैसा कि हर बार होता है ये विधायक नेतृत्व परिवर्तन पर बोलने से इनकार कर रहे हैं. इन विधायकों का कहना है कि वे राहुल गांधी के प्रस्तावित छत्तीसगढ़ दौरे के संबंध में दिल्ली आए हैं. विधायकों की दलील मानें तो वे चाहते हैं कि राहुल गांधी अपने छत्तीसगढ़ दौरे की अवधि में विस्तार करें ताकि ज्यादा विधायकों को इसका फायदा हो सके. बता दें कि कुछ ही दिनों में राहुल गांधी का छत्तीसगढ़ दौरा प्रस्तावित है.
लेकिन इतनी मामूली बात के लिए एक दर्जन से ज्यादा विधायकों का रायपुर से दिल्ली आना राजनीतिक पंडितों को हजम नहीं हो रहा है. निश्चित रूप से इस दौरे की वजह कुछ और है.
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राज्य में मुख्यमंत्री बनने की आस लगाए हुए स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने आजतक से बातचीत में कहा कि हम सब जानते हैं कि छत्तीसगढ़ की राजनीति में क्या चर्चाएं हो रही है. नेतृत्व में बदलाव पर पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि, "बदलाव की बात हो सकती कि नहीं हो सकती ये बात खुल गई है. जब पिछली बार विधायक गए थे यह बात खुल गई. कोई न कोई ऐसी बहस चल रही है.
कोई न कोई बहस चल रही है- सिंहदेव
स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने कहा कि हो सकता है कि विधायक अपनी बात रखने के लिए दिल्ली गए हैं. भले ही वह कह रहे हैं कि विकास कार्यों के लिए आमंत्रित करने जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें लगता है विकास कार्य दिखाने के लिए राज्य में बुलाने का दायित्व मुख्यमंत्री का है और उन्होंने आमंत्रण पहले ही दे दिया है. दरअसल अपने बयानों के जरिए टीएस सिंहदेव पूरी तरह से स्वीकार कर रहे हैं कि कोई न कोई ऐसी बहस चल रही है.
रामानुजगंज से कांग्रेस विधायक बृहस्पत सिंह ने कहा कि तकरीबन 15 से 16 विधायक दिल्ली आए हैं और अलग अलग जगहों पर रह रहे हैं. हम राहुल गांधी से उनके दौरे को बढ़ाने को कहने आए हैं, इसे किसी और रूप में नहीं लिया जाना चाहिए. बघेल कैंप से माने जाने वाले विधायक बृहस्पत सिंह ने कहा कि नेतृत्व में बदलाव का कोई सवाल नहीं है,
आधी पारी मांग रहा है सिंहदेव कैंप
उन्होंने सीएम भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंह देव के बीच टकराव की खबरों को भी खारिज किया. बता दें कि जून 2021 में सीएम बघेल 2.5 साल का कार्यकाल पूरा कर चुके थे, इसके बाद राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की बात सामने आई. सिंह देव खेमे ने दावा किया कि बघेल सरकार द्वारा अपना आधा कार्यकाल पूरा करने के बाद ही 2018 में आलाकमान ने उन्हें पद सौंपने पर सहमति व्यक्त की थी. इस कार्यकाल के पूरा होने के बाद सिंहदेव खेमे के विधायक सक्रिय हो गए हैं. अब लोगों की नजर दिल्ली में विधायकों के अलग कदम पर है.