
राजनंदगांव जिले की डोंगरगढ़ तहसील के मुढ़िया गांव में लगे हैंडपंप को लेकर लोगों में खासा दहशत है. सोमवार की शाम हैंडपंप के चबूतरे के चारों ओर दो दर्जन से ज्यादा बंदरों के मृत पाए जाने के बाद डरे गांव के लोगों ने हैंडपंप में ताला लगा दिया है.
इस आदिवासी गांव के ग्रामीण पीने के पानी और अन्य कार्यों के लिए इसी हैंडपंप का उपयोग करते थे. हैंडपंप के चबूतरे के चारों ओर इकट्ठा होने वाला पानी पीकर बंदर और दूसरे मवेशी भी प्यास बुझा लिया करते थे.
बताया जा रहा है कि सोमवार की शाम हैंडपंप के चबूतरे के चारों ओर दो दर्जन से ज्यादा बंदर मृत पाए गए. ग्रामीणों के मुताबिक गर्मी के मद्देनजर इस चबूतरे पर दिनभर बंदरों का जमावड़ा लगा रहता था, लेकिन वे ग्रामीणों पर ना तो हमला करते थे और ना ही किसी तरह का नुकसान पहुंचाते थे.
लिहाजा ग्रामीण भी हैंडपंप से पानी निकाल कर बंदरों को दे देते थे. ग्रामीणों के मुताबिक सोमवार की दोपहर तक स्थानीय लोगों ने इस हैंडपंप का पानी पिया और निस्तार के लिए अपने घर भी ले गए. लेकिन शाम को मरे हुए बंदरों को देखकर उनकी सांसें फूल गई. इसके बाद ग्रामीणों ने अपने घरों में इक्कठा करके रखे गए पानी को फेंक दिया.
उप वनमंडल अनुविभागीय अधिकारी सत्यदेव शर्मा ने बताया कि मृतक बंदरों का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है और हैंडपंप के पानी का सैंपल जांच के लिए वाइल्ड लाइफ फोरेंसिक लैब जबलपुर भेजा गया है. यह इलाका घने जंगलों के भीतर स्थित है.
दूसरी ओर, हैंडपंप पर ताला लग जाने के चलते ग्रामीण पीने और निस्तार के पानी के जुगाड़ के लिए सुबह शाम बीस किलोमीटर तक का सफर तय कर रहे है. ग्रामीणों के मुताबिक इस एकमात्र हैंडपंप पर पूरा गांव निर्भर है. इस गांव में आठ कुएं भी है, लेकिन भीषण गर्मी के चलते वे सभी सूख चुके है. फिलहाल पानी की जांच रिपोर्ट आने के बाद ही हैंडपंप का ताला खोला जाएगा.