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OBC के बाद बघेल का सवर्ण आरक्षण, छत्तीसगढ़ में 82% सीटें हुईं रिजर्व

छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार ने ओबीसी आरक्षण के दायरे को दोगुना करने के बाद सवर्णों को साधने का बड़ा दांव चला है. सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के सवर्ण समुदाय को 10 फीसदी आरक्षण को कैबिनेट से मंजूरी दे दी है. इस तरह से प्रदेश में आरक्षण का दायरा 82 फीसदी हो गया है.

छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल
कुबूल अहमद
  • नई दिल्ली,
  • 28 अगस्त 2019,
  • अपडेटेड 12:20 PM IST

  • ओबीसी के बाद गरीब सवर्णों को आरक्षण
  • निकाय चुनाव से पहले बघेल सरकार का बड़ा दांव
  • छत्तीसगढ़ में अब 82 फीसदी हुआ आरक्षण

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को लगे झटके के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ में अपने किले को मजबूत करने में जुट गए हैं. भूपेश बघेल सरकार ने ओबीसी आरक्षण के दायरे को दोगुना करने के बाद सवर्णों को साधने का बड़ा दांव चला है. सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के सवर्ण समुदाय को 10 फीसदी आरक्षण को कैबिनेट से मंजूरी दे दी है.

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बता दें कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले संविधान को संशोधन करके गरीब सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देने फैसला किया था. केंद्र सरकार के निर्णय के बाद से छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने इसे विचाराधीन रखा था, जिस पर मंगलवार को मंत्रिमंडल की बैठक में मुहर लगा दी गई. सवर्ण आरक्षण को लेकर केंद्र सरकार की ओर से तय किए गए मापदंड को ही लागू किया जाएगा.

कैबिनेट की बैठक के बाद वरिष्ठ मंत्री रविंद्र चौबे ने सवर्ण आरक्षण लागू करने के फैसले की जानकारी दी. मंत्री चौबे ने कहा छत्तीसगढ़ लोक सेवा (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गाों के लिए आरक्षण) अधिनियम,1994 में संशोधन करने के लिए अधिनियम संशोधन अध्यादेश, 2019 के प्रस्ताव का अनुमोदन कर दिया गया है.

इसके तहत अनुसूचित जाति वर्ग का आरक्षण 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 13 प्रतिशत एवं अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत करने का अनुमोदन किया गया. साथ ही मंत्री रविंद्र चौबे ने बताया कि संसोधन प्रस्ताव पर अनुमोदन के निर्णय के साथ ही आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए छत्तीसगढ़ में लोक पदों एवं सेवाओं में तथा शैक्षणिक संस्थाओं में प्रवेश में सीटों का 10 फीसदी आरक्षण करने का निर्णय लिया गया.

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छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आरक्षण का बड़ा दांव खेला था. उन्होंने अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को प्रदेश में 72 फीसदी आरक्षण दिए जाने की घोषणा की. मंगलवार को 10 फीसदी सवर्ण आरक्षण को कैबिनेट की मंजूरी के बाद राज्य में आरक्षण का दायरा कुल 82 फीसदी कर दिया गया है.

बता दें कि लोकसभा चुनाव में लगे झटके को देखते हुए कांग्रेस और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल स्थानीय निकाय चुनाव में कोई रिस्क लेना नहीं चाहते हैं. महज चार महीने के बाद छत्तीसगढ़ में नगर निकाय चुनाव होने हैं, जिसे कांग्रेस हर हाल में जीतकर अपने वर्चस्व को बरकरार रखना चाहती है. सीएम भूपेश बघेल ने एससी और ओबीसी समुदाय को साधने के बाद गरीब सवर्णों को अपने पाले में लाने का बड़ा दांव चला है.

छत्तीसगढ़ में 82 फीसदी आरक्षण

बता दें कि छत्तीसगढ़ अभी तक एसटी को 32 फीसदी, एससी को 12 और ओबीसी वर्ग को 14 फीसदी आरक्षण मिल रहा था. भूपेश बघेल सरकार ने एससी समुदाय के 12 फीसदी को बढ़ाकर 13 कर दिया और ओबीसी समुदाय के 14 फीसदी को बढ़ाकर 27 फीसदी कर दिया है. इसके अलावा गरीब सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण कैबिनेट की मंजूरी दी गई. जबकि एसटी समुदाय के 32 फीसदी आरक्षण को जस का तस रखा है. इस तरह से आरक्षण का कुल दायरा 58 से बढ़ाकर 82 फीसदी कर दिया गया है.

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