
अगस्ता वेस्टलैंड डील में रिश्वत मामले की आंच अब बीजेपी के आंगन तक पहुंच गई है. योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण ने मामले में छत्तीसगढ़ के सीएम रमन सिंह पर बेटे की कंपनी के जरिए कमीशनखोरी का आरोप लगाया है. जबकि पलटवार करते हुए मुख्यमंत्री ने न सिर्फ आरोपों को खारिज किया, बल्कि दोनों को कानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी दी है.
योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण की अगुवाई वाले स्वराज अभियान ने इस मामले में कई आरोप लगाए हैं. इन दोनों ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर करोड़ों रुपये की इस डील में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह और उनके बेटे अभिषेक सिंह का नाम खींचा. स्वराज अभियान ने अभिषेक का नाम पनामा पेपर्स लीक से भी जोड़ा.
भूषण के खिलाफ कानूनी कदम उठाएंगे रमन सिंह
प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव के आरोपो पर जवाब देते हुए रमन सिंह ने कहा कि अगस्ता मामले में प्रशांत भूसण ने पीसी करके जो आरोप लगाए हैं, मै ये स्पष्ट करना चाहता हूं की इस पूरे मामले में कोई भ्रष्टाचार नहीं है. सीएम ने कहा कि वे इस झूठे आरोप के लिए प्रशांत भूषण पर कानूनी कार्रवाई करने का विचार कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि वो मामले में वकीलों से राय लेंगे.
'नहीं हुआ कोई भ्रष्टाचार'
रमन सिंह ने कहा, 'कांग्रेस के बड़े राष्ट्रीय नेताओं का नाम आने के कारण मामले को डायवर्ट किया जा रहा है. पता नहीं कि प्रशांत भूषण को मुझसे इतना प्यार क्यों है की मेरे बारे में हर बार बोलते हैं.' उन्होंने कहा कि इटली की कोर्ट ने 225 करोड़ का आरोप लगाते हुए इस मामले में पहले ही अपना फैसला दिया है. किसी मामले में कहीं भी कोई गड़बड़ी नहीं हुई. झारखंड ने जिस कीमत में खरीदा, उससे 65 लाख अधिक में यहां खरीद गया. लेकिन ये डिफरेंस कैग की रिपोर्ट में ही आया है. जिसे विधानसभा में रखा जाएगा. हेलीकॉप्टर खरीदी में हमने टेंडर किया और टेक्निकल कमेटी बनी और तीन लोगों ने अगस्ता के हेलीकॉप्टर खरीदने का फैसला लिया गया.
रमन सिंह के खिलाफ हो जांच
वहीं स्वराज अभियान ने आरोपो में कहा कि हेलिकॉप्टरों की खरीद के लिए ग्लोबल टेंडर नहीं मंगाया गया था और टेंडर की प्रक्रिया से संबंधित कई नियमों को ताक पर रखा गया. इसी के साथ स्वराज अभियान ने बीजेपी को चुनौती दी कि वह रमन सिंह के खिलाफ जांच की शुरुआत करे.
घूस के लिए दिए 10 करोड़
भूषण और यादव ने यह भी दावा किया कि इस डील में बतौर घूस 15 लाख डॉलर (करीब 10 करोड़ रुपये) दिए गए थे. साथ ही उन्होंने दावा किया कि वे जो भी आरोप लगा रहे हैं, उससे जुड़े कागजात उनके पास मौजूद हैं और इसे स्वराज अभियान की वेबसाइट पर अपलोड किया जा चुका है.