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छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव करीब आते ही राजनैतिक सरगर्मियां बढ़ गई हैं. राज्य के दो दिवसीय दौरे पर आए राहुल गांधी ने कांग्रेसियों को सक्रिय करने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी. उन्होंने बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर न केवल तीखा हमला किया है बल्कि पुराने कांग्रेसी नेताओं की पार्टी में घर वापसी को भी हरी झंडी दे दी.
राहुल गांधी ने गुरुवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता दिलाई. अरविंद नेताम करीब छह साल बाद कांग्रेस में लौटे हैं. वे छत्तीसगढ़ की कांकेर संसदीय सीट से पांच बार सांसद रहे हैं.
अरविंद नेताम को कांग्रेस के शासनकाल में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री भी बनाया गया था, लेकिन बाद में उनकी पटरी नहीं बैठी. वर्ष 2012 में राष्ट्रपति चुनाव के दौरान उन्होंने यूपीए के राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी प्रणब मुखर्जी के खिलाफ पूर्व लोकसभा अध्यक्ष पी.ए. संगमा का समर्थन किया था.
अरविंद नेताम का हाथ कांग्रेस के साथ
इसके चलते जून 2012 में कांग्रेस ने उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया था. इसके बाद अरविंद नेताम कुछ वर्षों तक बीजेपी के साथ रहे. फिर वह पी.ए. संगमा की पार्टी में शामिल हो गए. उनकी आदिवासी समुदाय में अच्छी खासी पकड़ मानी जाती है. वह आदिवासियों के कई आंदोलनों में अग्रणी भूमिका में रहे हैं. जनवरी 2017 में उन्होंने बीजेपी के पूर्व सांसद सोहन पोटाई के साथ मिलकर जय छत्तीसगढ़ पार्टी भी बनाई थी.
राहुल गांधी ने गर्मजोशी के साथ उनका स्वागत किया है. कांग्रेस को उम्मीद है कि बस्तर में आदिवासियों के बीच अरविंद नेताम मील का पत्थर साबित होंगे. आदिवासी विधानसभा सीटों पर कांग्रेस जबर्दस्त फोकस कर रही है.
रायपुर में आयोजित पंचायती राज सम्मेलन में राहुल गांधी ने जल, जंगल और जमीन का मुद्दा छेड़ कर आदिवासियों को जमकर लुभाया. उन्होंने कहा कि सत्ता में आने के बाद बीजेपी आदिवासियों के अधिकारों का हनन कर रही है. आदिवासियों को प्राप्त संवैधानिक अधिकारों का हनन हो रहा है. इससे आदिवासी वर्ग की उन्नति तक थम गई है.
छत्तीसगढ़ में इसी साल अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं. इसलिए राहुल गांधी ने आदिवासियों और अनुसूचित जाति के लोगों पर फोकस किया है, ताकि कांग्रेस का खोया हुआ जनाधार फिर पाया जा सके.
मांढर की थाप में थिरके राहुल
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को नाचते गाते और थिरकते आपने शायद ही देखा होगा, लेकिन छत्तीसगढ़ के सीतापुर में वह आदिवासियों के बीच जमकर थिरके. उन्होंने सरगुजा के आदिवासियों के साथ मांढर की थाप पर शैला नृत्य किया. राहुल गांधी ने खुद भी मांढर बजाया और उसकी थाप पर नृत्य किया. सरगुजा के आदिवासियों का परंपरागत नृत्य का नाम शैला है. आमतौर पर यह नृत्य स्वागत सत्कार, अतिथियों के आगमन, तीज त्यौहार और ख़ुशी के मौके पर किया जाता है.