
आमतौर पर व्यापार मेला, वाहन मेला और दूसरे व्यापारिक और उपभोक्ता वस्तुओं के मेले आपने देखे होंगे. लेकिन नोटबंदी के बाद से डिजिटल मेले की भी शुरुआत हो गई है. एक ऐसा ही मेला रायपुर में आयोजित किया गया है.
इस मेले में एक छत के नीचे डिजिटल भुगतान करने के ना केवल तौर तरीके सिखाये जा रहे हैं, बल्कि देश में उपलब्ध सभी तरह की स्वैपिंग मशीनें और कैशलेस भुगतान के दूसरे और विकल्पों को सिखाया और दिखाया जा रहा है. उपभोक्ताओं को कैशलेस भुगतान का प्रैक्टिकल कराया जा रहा है, ताकि वो बाजार में भुगतान को लेकर ना हिचकिचाएं.
दरअसल रायपुर में लगे डिजिटल मेले में चाय की चुस्कियां लीजिए, होटलों की तरह जलेबी रबड़ी समेत अपना मनपसन्द नाश्ता कीजिए. कपड़े खरीदिए और यहां उपलब्ध उपभोगता वस्तुओं से लेकर दूसरे और सामानों की शॉपिंग कीजिए. लेकिन कैशलेस भुगतान के लिए तैयार हो जाइए. इस मेले की खासियत यही है कि यहां कैश या फिर कहे तो नकद भुगतान किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं होगा. आप अपना डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड या फिर मोबाइल ऐप के जरिये ही भुगतान कर सकेंगे.
इस मेले में लोगो को कैशलेस भुगतान के गुर सिखाये जा रहे हैं, लोगों को साइबर क्राइम के बारे में भी जागरूक किया जा रहा है. उपभोक्ताओं को बताया जा रहा है कि वो किस तरह से अपने पिन नम्बरों और OTP को गोपनीय रख सकते हैं. इस तरह का डिजिटल मेला राज्य में पहली बार आयोजित किया गया है. उपभोगता, इस मेले को डिजिटल क्लास रूम के रूप में महसूस कर रहे हैं.
इस मेले में डिजिटल ट्रांजैक्शन करने वाले उपभोक्ताओं को प्रोत्साहित भी किया जा रहा है. उन लोगों को भी पुरस्कृत किया जा रहा है, जिन्होंने डिजिटल ट्रांजैक्शन को सबसे पहले अपनाया. मुख्यमंत्री रमन सिंह से लेकर कई केंद्रीय मंत्री इस मेले में शिरकत कर रहे हैं.
यह अपने तरीके का पहला मेला है जो पूरी तरह से डिजिटल है. इस मेले में देश की नामचीन कंपनियां भी हिस्सा ले रही हैं. डिजिटल टेक्नोलॉजी के कई अपग्रेड मॉडल भी इस मेले में उपलब्ध कराए गए हैं. भुगतान के तौर तरीकों को लेकर व्यापारी उद्योगपति और उपभोगता तीनों ही इस मेले में अपनी मौजूदगी दर्ज करा रहे हैं.