
दुर्ग जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है. जहां दो नवजात बच्चों की अदला-बदली हो गई. यह मामला 23 जनवरी का है, जब शबाना कुरैशी और साधना सिंह ने जिला अस्पताल में ऑपरेशन से बच्चों को जन्म दिया. अस्पताल के स्टाफ की गलती से दोनों मांओं को गलत बच्चे सौंप दिया.
यह मामला उस समय खुला जब शबाना कुरैशी के परिवार ने बच्चे के हाथ में लगा अस्पताल का टैग देखा. टैग पर दूसरे माता-पिता का नाम लिखा था. शक होने पर परिवार तुरंत अस्पताल पहुंचा और इस लापरवाही की शिकायत की. जब दोनों परिवारों ने अपने-अपने बच्चों को अपना बताया, तो मामला उलझ गया और DNA टेस्ट की मांग उठी.
अस्पताल में हुई बच्चों की अदला-बदली
इस घटना पर कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी के निर्देश पर 6 फरवरी को DNA टेस्ट के लिए नमूने रायपुर भेजे गए. रिपोर्ट आने के बाद नवजातों की सही पहचान हुई और उन्हें उनके जैविक माता-पिता को सौंप दिया गया.
इस मामले में अस्पताल प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है. दुर्ग जिला अस्पताल के सीएमएचओ डॉक्टर मनोज दानी ने कहा कि इस लापरवाही की जांच के लिए एक समिति बनाई गई है, जो दोषियों पर कार्रवाई की सिफारिश करेगी.
DNA टेस्ट के बाद हुई नवजातों की पहचान
शबाना कुरैशी ने कहा कि मुझे मेरा असली बच्चा मिल गया, मैं बहुत खुश हूं. 16 दिन तक जिस बच्चे को पाला, उसे भी अपने बेटे की तरह रखा. वहीं, साधना सिंह की ननद रानी सिंह ने भी खुशी जताई और अस्पताल प्रशासन पर सख्त कार्रवाई की मांग की.