
छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में चर्च में हुई तोड़-फोड़ की घटना में एक्शन लेते हुए पुलिस ने 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. अरेस्ट आरोपियों में भाजपा जिलाध्यक्ष रूपसाय सलाम, अंकित नंदी, अतुल नेताम, डोमेंद यादव और पवन नाग शामिल हैं.
सभी आरोपियों को व्यवहार न्यायाधीश वर्ग 1 मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने हाजिर किया गया. आरोपियों की पेशी के वक्त न्यायालय को पूरी तरह से छावनी में तब्दील कर दिया गया था.
एजेंसी के मुताबिक छत्तीसगढ़ के नारायणपुर शहर में धर्मांतरण के विरोध में आदिवासियों ने विरोध-प्रदर्शन का आयोजन किया था. इस दौरान एक चर्च में तोड़फोड़ की गई और एक आईपीएस अधिकारी सहित 6 पुलिसकर्मियों को हमला कर घायल कर दिया गया.
प्रदर्शन के दौरान नारायणपुर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) सदानंद कुमार को सिर पर चोट लग गई थी. नारायणपुर जिले के अधिकारियों के मुताबिक रविवार को जिले के एडका गांव में धर्म परिवर्तन को लेकर दो समुदायों के बीच झड़प हो गई थी. घटना के विरोध में आदिवासी इकट्ठा हुए.
पुलिस महानिरीक्षक (बस्तर रेंज) सुंदरराज पी ने एजेंसी को बताया कि नारायणपुर में मीटिंग के दौरान करीब 2 हजार लोग मौजूद थे. स्थानीय आदिवासी नेता रूपसाई सलाम, नारायण मरकाम सहित अन्य लोग इसका नेतृत्व कर रहे थे. बैठक के बाद भीड़ समूहों में बंट गई. लाठियों से लैस होकर भीड़ ने एक स्कूल में स्थित चर्च पर धावा बोल दिया.
जब पुलिस और प्रशासन ने भीड़ को रोकने की कोशिश की तो कुछ असामाजिक तत्वों ने पथराव शुरू कर दिया और पुलिसकर्मियों पर लाठियों से हमला किया. इसके बाद उन्होंने चर्च में घुसकर तोड़फोड़ की.
IG ने आगे कहा कि नारायणपुर के पुलिस अधीक्षक सदानंद कुमार और 5 से 6 अन्य पुलिसकर्मियों को हमले में चोटें आईं. उनका प्राथमिक उपचार किया गया. अब उनकी हालत स्थिर है. विरोध के हिंसक हो जाने के बाद राजधानी रायपुर से करीब 300 किलोमीटर दूर नारायणपुर में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है.
बता दें कि पिछले महीने बड़ी संख्या में ईसाई समुदाय के लोगों ने नारायणपुर में कलेक्टर कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन किया था. प्रदर्शनकारियों का कहना था कि उन्हें अत्याचार का सामना करना पड़ रहा है. आदिवासी बहुल जिले के 14 गांवों के प्रदर्शनकारियों ने दावा किया था कि ईसाई धर्म का पालन करने पर उनके खिलाफ हमला किया गया और उन्हें उनके घरों से निकाल दिया गया.