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NDA की डील में सस्ता था राफेल, तो 126 विमान क्यों नहीं खरीदा: अजय माकन

फ्रांस के साथ हुए राफेल विमान सौदे को लेकर सत्ताधारी बीजेपी और विपक्षी दल कांग्रेस में संसद से लेकर सड़क तक रार मची हुई है. कांग्रेस ने केंद्र सरकार से पूछा है कि अगर उसकी डील में विमान की कीमत सस्ती है तो 36 विमान ही क्यों खरीदे गए.

कांग्रेस नेता अजय माकन कांग्रेस नेता अजय माकन
सुनील नामदेव
  • रायपुर ,
  • 20 दिसंबर 2018,
  • अपडेटेड 8:35 PM IST

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में बीजेपी को पटखनी देने के बाद कांग्रेस पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुट गई है. इस सिलसिले में रायपुर पहुंचे दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय माकन ने केंद्र सरकार पर राफेल सौदे को लोकर सुप्रीम कोर्ट को गुमराह करने का आरोप लगाया है. माकन ने कहा है सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहीं नहीं कहा कि घोटाला नही हुआ, कोर्ट ने सिर्फ अपनी सीमाएं बताई हैं.

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छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल हुए अजय माकन ने राफेल मुद्दे पर 7 अलग अलग बिंदुओं पर घोटाले के आरोप लगाए. उन्होंने पूछा कि राफेल बनाने का काम हिंदुस्तान ऐरनोटिकल लिमिटेड (HAL) से लेकर रिलायंस कंपनी को देना भ्रष्टाचार नहीं तो और क्या है? माकन ने कहा कि किसी भी सौदे के एवज में इसमें शामिल कंपनी से बैंक गारंटी लेना जरूरी है, लेकिन फ्रांस के साथ हुई नई डील में बैंक गारंटी नहीं ली गई. माकन ने मामले की जांच संयुक्त संसदीय समिति (JPC) से कराने की मांग दोहराई है.

गौरतलब है कि राफेल विमान सौदे को लेकर 'एजेंडा आजतक' के कार्यक्रम में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि एनडीए के करार में राफेल की कीमत पिछली यूपीए सरकार से कम है. केंद्र सरकार की इस दलील पर तंज कसते हुए कांग्रेस नेता अजय माकन ने कहा कि ये दावा किया जा रहा है कि उन्होंने (केंद्र सरकार) सस्ते में विमान खरीदा, अगर ऐसा है तो फिर 36 प्लेन ही क्यों 126 क्यों नहीं खरीदे गए. दरअसल यूपीए के समय फ्रांस के साथ 126 विमान खरीदे जाने को लेकर बातचीत चल रही थी. जिसमें 18 विमान फ्रांस से आने थे और बाकी के 108 विमान राफेल बनाने वाली कंपनी दसॉल्ट और HAL को साथ मिलकर बनाने थे.

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आपको बता दें कि राफेल विमान सौदे की न्यायालय की निगरानी में जांच संबंधी याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट द्वारा खारिज किया जा चुका है. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को केंद्र सरकार क्लीन चिट के तौर पर मान रही है और कांग्रेस पर देश को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी से माफी की मांग कर रही है. वहीं कांग्रेस का आरोप है कि केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में गलत तथ्य प्रस्तुत करते हुए यह निर्णय लिया है और पार्टी शुरू से कह रही है कि राफेल सौदे में जिन पहलुओं की जांच होनी है उसका अधिकार सिर्फ JPC के पास है. 

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